करूणा अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग ने कराई एफआईआर

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  • बैतूल। अवैध गर्भपात मामले में कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ए.के.तिवारी की अध्यक्षता में जांच टीम गठित की गई जिसमें डॉ. ए.के तिवारी, प्रभारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एन.के.चौधरी, तहसीलदार श्री प्रभात मिश्रा , स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रतिभा रघुवंशी, प्रभारी जिला प्रशिक्षण अधिकारी श्रीमती मधुमाला शुक्ला ने करूणा हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां पर एक अवैध सोनोग्राफी मशीन पाई गई जिसे स्वास्थ्य विभाग ने जब्त कर लिया है।

    बिना अनुमति के क्रय की सोनोग्राफी मशीन
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    बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के इस मशीन का धोखाधड़ी कर क्रय किया गया था। प्रतिबंधित होने के बावजूद भी इस मशीन पर 439 महिलाओं की सोनोग्राफी कर गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी (लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम एवं नियम 7 में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी (6 माह मासिक प्रशिक्षण)2014 एवं गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम 1971 एवं नियम 2003 का) उल्लंघन किया गया है।
    कोतवाली में हुआ मामला दर्ज
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    अवलोकन पर कोतवाली थाना में आरोपी डॉ. वंदना घोघरे (कापसे) करूणा अस्पताल के विरूद्ध
    भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420 एवं गर्भ चिकित्सीय समापन अधिनियम 1971 के नियम 3, 4, 5, 6 का उल्लंघन करना एवं गर्भ धारण पूर्व प्रसूति पूर्व निधान तकनीकि(लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम)(पीसीपीएनडीटी एक्ट) 1994 की धारा 23 के तहत दण्डनीय पाए जाने से प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया है।
    कंपनी को भी भेजा नोटिस
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    गौरतलब है कि अवैध गर्भपात के मामले में करूणा अस्पताल की संचालक डॉ. वंदना कापसे के खिलाफ आमला थाने में मामला पंजीबद्ध किया गया था और उनको गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। इसी के बाद स्वास्थ्य विभाग की जांच में अवैध सोनोग्राफी का मामला सामने आया जिसको लेकर सी.एम.एच.ओ. डॉ. ए.के. तिवारी ने कोतवाली थाना बैतूल में एफ.आई.आर. दर्ज कराई है। इसी के साथ स्वास्थ्य विभाग ने सोनोग्राफी मशीन बनाने वाली कंपनी और वेंडर को भी नोटिस भेजे हैं।
    इन नियमों के तहत संचालित होती है सोनोग्राफी मशीन
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    स्वास्थ्य विभाग के सी.एम.एच.ओ. डॉ.ए.के.तिवारी ने बताया कि किसी भी सोनोग्राफी सेंटर पर सोनोग्राफी केवल पंजीकृत मशीन से किए जाने की अनुमति होती है। सोनोग्राफी सेंटर संचालक इसके अतिरिक्त किसी मशीन को बिना स्वीकृति के ना खरीद सकता है और ना ही बेच सकता है और ना ही उस मशीन से सोनोग्राफी कर सकता है। अगर नियमों का उल्लंघन करते कोई भी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाता है।

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