बैतूल- मुलताई की जनता को नेताओ ने हमेशा राजनीति के लिए इस्तेमाल किया है। ऐसे ही एक नजारा मंगलवार को मुलताई में देखने को मिला है। जब विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक ने 1 सप्ताह पहले से ही अधिक आये बिजली बिलों की शिकायत एवं उनका निराकरण करने की बात कही है। फिर मुलताई में विरोध प्रदर्शन कर क्या मतलब है। इसमें केवल राजनीति दिखाई दे रही है। मीटर में गड़बड़ी के कारण भक्तों को अधिक बिजली बिल आना यह बात कतई ठीक नहीं है। गरीब , मजदूर, किसान कोई भी हो जिनके ऊपर भारी भरकम बिजली बिल आये है। उनकी समस्या का समाधान होना चाहिए। अधिक बिजली बिलों को लेकर सांसद दुर्गादास उईके, पूर्व सांसद हेमंत खण्डेलवाल, आमला विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे, जिला पंचायत अध्यक्ष राजा पवार, सहित अन्य भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को अधिक बिली बिल आने के संबंध जानकारी दी है। मंत्री ने बिजली बिलों के निराकरण करने का आश्वासन भी दिया गया। इसके बाद विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक ने 1 सप्ताह पहले प्रेस विज्ञप्ति में लोगों से आग्रह किया है कि जिनके अधिक बिजली बिल आए हैं वे अपने क्षेत्र के विद्युत वितरण केंद्र पर जाकर शिकायत करें उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। इसके बावजूद मुलताई में काग्रेस का धरना प्रदर्शन एवं रैली निकालने का क्या मतलब। कई लोग तो इसे कोरी राजनीति बता रहे। 15 महीने नही तक नही दिखे ऐसे तेवर मुलताई विधायक सुखदेव पांसे ने मंगलवार को बिजली कंपनी के अधिकारियों से जिस तरह धमकी भरे लहजे में कहा कि ज्यादा ताव मत दिखाइए। प्रदेश में कांग्रेस की 15 महीने तक सरकार रही और श्री पांसे मंत्री रहे हैं। 15 साल के कार्यकाल में श्री पांसे को अधिकारियों पर इतनी तल्ख टिप्पणी करते नही देखा। जितनी कि आज विपक्ष में रहकर कर रहे हैं। खैर अब जनता भी समझने लगी है क्या सच है और क्या गलत है।