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MP Weather Alert: मध्य प्रदेश के चार जिलों में बारिश का अलर्ट, आधा दर्जन जिलों में छाया रहेगा कोहरा

MP Weather Alert: Rain alert in four districts of Madhya Pradesh, fog will prevail in half a dozen districts

MP Weather Alert:  पश्चिमी विक्षोभ का असर मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में गरज- चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग भोपाल में गुरुवार को जारी की गई एडवाइजरी में बताया कि अगले 24 घंटे के दौरान मध्य प्रदेश के टीकमगढ़,  रीवा, सतना, पन्ना जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना बनी है।
मध्य प्रदेश के किन जिलों में रहेगा कोहरा
मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के
ग्वालियर, दतिया , भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, छतरपुर, निवाड़ी जिलों में घना से मध्यम कोहरा छाया रहने की संभावना है। कोहरे के कारण यातायात प्रभावित हो सकता है। 
कृषकों के लिए सलाह
गेहूं एवं सरसो में सिंचाई को स्थगित करें ताकि फसल गिरने से बचे, रोगों को रोकने के लिए अनुशंसित फफूंदनाशकों का छिड़काव करें। चने के पौधों को सहारा देने के लिए बांस का उपयोग करें: फफूंद संक्रमण रोकने के लिए सुरक्षामक फफूंदनाशकों का छिड़‌काव करें।
पदि फसलें परिपक्कता के करीब है, तो जल्दी कटाई करें ताकि नुकसान को कम किया जा सके।
ओलावष्टि के बाद नियमित रूप से खेतों का निरीक्षण करें, नुकसान का आकलन करें और समय पर सुधारात्मक उपाय करें। ऑर्किड/बागवानी फसलों जैसे संतरा, जामुन, फूल, सब्जियां आदि में हेलनेट का उपयोग करें।
शीत लहर के दोरान प्रकाश और लगातार सिंचाई प्रदान करें। स्प्रिंकलर सिंचाई से शीत लहर के प्रभाव को कम करने में सहायता मिलेगी।
शीत लहर के दौरान पौधों के मुख्य तने के पास मिट्टी को काली या चमकीली प्लास्टिक शीट, घास फूस या सरकंडे की घास से ढके। यह विकिरण अवशोषित कर मिट्टी को ठंडी में भी गर्ग बनायें रखता है गेहूं की फसल में काउन रूट स्टेज (20-22 DAS) पर पहली सिंचाई करें तथा सरसों और चना में 35 से 40 DAS पर खेत में पर्याप्त नमी के लिए सिंचाई करें। पहली सिंचाई के बाद गेहूं की फसल में टॉप डेसिंग के रूप में यूरिया के रूप में अनुशंसित नाइ‌ट्रोजन उर्वरक की 1/3 मात्रा दें।
 कम तापमान के पूर्वानुमान के कारण रबी की फसलों में पाला पड़ने की संभावना है। इसलिए फसलों को पाले से बचाने के लिए रात में स्प्रिंकलर से हल्की सिंचाई करें, खत में हुआ पैदा करने के लिए खेत की मेड़ में कचरा चलाए या 15 दिन के अंतराल पर 0.5 ग्राम/लीटर थायोयूरिया या 30 ग्राम/लीटर घुलनशील गीला करने योग्य सल्फर या 005 से 0.1% सल्फ्यूरिक एसिड घोल का छिड़काव करें।
बादलों के कारण बढ़ा तापमान, बारिश का आसार 
बैतूल। ठंड के इस सीजन में एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण  मौसम में बदलाव आ गया है। आसमान में बादल छाने से न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हो गई है। अगले 24 घंटे के दौरान जिले के कुछ क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिए होने से अचानक मौसम में बदलाव आ गया है। अगले दो दिनों तक मौसम इसी तरह बना रहेगा। गुरुवार को दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। बादलों के कारण न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री की बढ़ोतरी हो गई है। तापमान 12.5 डिग्री से बढ़कर 14.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।
 मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि बादल छटते ही फिर तापमान में गिरावट आएगी और जिलेवासियों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ेगा। बढ़ता तापमान फसलों के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है। गेहूं सहित अन्य फसलें कम तामपान में होने वाली फसल है। तापमान बढने पर फसलों पर भी विपरित प्रभाव पड़ेगा। इस बार ठंड के सीजन में देखने को मिला कि जब भी ठंड के तेवर बढ़ने लगे। 1-2 दिन के अंतराल में ही मौसम बदल गया  और तापमान में बढ़ोतरी हो गई। तापमान में उतार चढ़ाव लगातार जारी है। इस सीजन में सबसे कम तापमान 6.2 डिग्री पर पहुंचा था। इससे कम तापमान नहीं पहुंच सका। 
वर्त्तमान में पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान के ऊपर माध्य समुद्र तल से 3.1 किमी की उंचाई पर एक चक्रवातीय परिसंचरण के रूप में मध्योपरी क्षोभमंडल स्तरों में ट्रफ़ के साथ लगभग 72° पूर्वी देशांतर से 25° उत्तरी अक्षांश के उत्तर में सक्रिय है।
दक्षिणी हरियाणा और संलग्न क्षेत्र के ऊपर माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है। उत्तर भारत के ऊपर माध्य समुद्र तल से 12.6 किमी की ऊंचाई पर 259 किमी प्रति घंटा की गति से उपोष्ण जेट स्ट्रीम हवाएँ बह रही है।  18 जनवरी से अगले पश्चिमी विक्षोभ द्वारा उत्तरी- पश्चिमी भारत को प्रभावित करने की संभावना है।

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