MP In Cold : मध्य प्रदेश के 19 जिलों में चलेगी शीतलहर, बचाव करने यह रखे सावधानी
MP In Cold: Cold wave will prevail in 19 districts of Madhya Pradesh, take these precautions to protect yourself
MP In Cold : मध्य प्रदेश के कई जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड से बचने के लिए लोगों को अलाव का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मौसम विभाग भोपाल में शुक्रवार जारी की गई एडवाइजरी में प्रदेश के रायसेन, सीहोर, विदिशा, राजगढ़, धार, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, शहडोल, कटनी, जबलपुर, सिवनी, पन्ना, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, आगर, नरसिंहपुर जिलों में शीतलहर चलने का अलर्ट जारी किया है।
शीतलहर के दौरान यहां रखें सावधानी
शीत लहर के संपर्क में आने पर शीत से प्रभावित अंगों के लक्षणों जैसे कि संवेदनशून्यता, सफ़ेद अथवा पीले पड़े हाथ एवं पैरों की उंगलियों, कान की ली तथा नाक की ऊपरी सतह का जतन रखे।
ठंड के मौसम में आपकी त्वचा, हाथ-पैरों की अंगुलियों में रक्त वाहिकाएँ रोकरी दी जाती है, इसलिए कम गर्मी के कारण हृदय मति बढ़ जाती है और हृदय के लिए आपके शरीर में रक्त पंप करना कठिन हो जाता है। इसलिए बाहर कम समय बिताएँ।
शीत लहर के अत्यधिक प्रभाव से त्वचा पीली, सख्त एवं संवेदनशून्य तथा लाल फफोले पड़ सकते है। यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसे गैंगरीन भी कहा जाता है। यह अपरिवर्तनीय होती है। अत शीत लहर के पहले लक्षण पर ही चिकित्सक की सलाह ले तथा तब तक अंगों को गरम करने का प्रयास करे।
शीत लहर के प्रभाव से हाइपोथर्मिया हो सकता है। शरीर में गर्मी के हारा से कंपकपी, बोलने में दिक्कत, अनिद्रा, मांसपेशियों में अकठन, सांस लेने में दिक्कत निश्वेतन की अवस्था हो सकती है। यह अत्यधिक गंभीर अवस्था है इसमें तत्काल चिकित्सीय सहायता ले।
शरीर की गर्माहट बनाये रखने हेतु अपने सर, गर्दन, हाथ और पैर की उँगलियों को अच्छे से ढंके एवं पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे- दस्ताने, टोपी, मफलर एवं जल रोधी जूते आदि पहने। शीत लहर के समय जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहे और कोशिश करें कि अतिआवश्यक हो तो ही बाहर यात्रा करें।
इस समय विभिन्न प्रकार की बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है, जैसे- फ्लू, सर्दी, खांसी एवं जुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर चिकित्सक से संपर्क करें।
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पर्याप्त मारा में पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं नियमित रूप से गर्म पेय पदार्थ का अवश्य सेवन करें। कोहरे में मौजूद कण पदार्थ और विभिन्न प्रकार के प्रदूषक के संपर्क में आने पर फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होने, खांसी और सांस की समस्या बढ़ने की संभावना है, अत नियमित व्यायाम करे व मास्क का प्रयोग करे।
वाहन को धीमी या औसत गति पर चलाये, अगली वाली गाड़ी से पर्याप्त दूरी बनाये रखे एवं फॉग लैंप का इस्तेमाल करे।
मौसम की जानकारी तथा आपातकालीन प्रक्रिया की जानकारी का सुक्ष्मता से पालन करे एन शासकीय एजेंसियों की सलाह के अनुसार कार्य करे।