MP Today News: मध्य प्रदेश में शिक्षकों के लिए खुशखबरी, मोहन सरकार ने लिया बड़ा फैसला, यह मिलेगा लाभ
MP Today News: Good news for teachers in Madhya Pradesh, Mohan government took a big decision, they will get this benefit
MP Today News: मध्य प्रदेश में शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। मध्य प्रदेश सरकार हजारों शिक्षकों को नियमित करने वाली है। इस संबंध में सरकार ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश में अक्टूबर 2021 में भर्ती हुए शिक्षकों को नियमित किया जाएगा। बताया जा रहा है कि अक्टूबर 2021 में लगभग 15 000 शिक्षकों की भर्ती हुई थी अब यह सभी शिक्षक नियमित हो जाएंगे। इस प्रक्रिया के संबंध में शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया जाएगा।
यह जारी किए गए आदेश
उच्च माध्यमिक / माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष 2018 एवं प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 के आधार पर अक्टूबर 2021 से 2023 तक प्रदेश में प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्तियों की गई है। यह नियुक्तियों भर्ती नियम 2018 के नियम “मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम, के नियम 13 के तहत तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर की गई है। तीन वर्ष पूर्ण होने पर परिवीक्षा अवधि समाप्त किये जाने की प्रक्रिया के संबंध में निम्नानुसार कार्यवाही करें।
1. परिवीक्षा अवधि समाप्ति हेतु जिला स्तर पर समिति गठित की जायेगी जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक संचालक एवं एक हायर सेकेण्ड्री प्राचार्य रहेगें।
2. इस समिति के समक्ष परिवीक्षा अवधि से संबंधित समस्त विषयों के प्रकरण प्रस्तुत किए जाएंगे।
3. समस्त शिक्षक निर्धारित प्रपत्र में परिवीक्षा अवधि समाप्ति के लिए आवेदन संकुल प्राचार्य को प्रस्तुत करेंगे। संबंधित द्वारा कार्यभार ग्रहण की तिथि से तीन वर्ष परिवीक्षा की अवधि मान्य की जायेगी। आवेदन का प्रारूप परिशिष्ट-1 अनुसार है।
4. संकुल प्राचार्य परिवीक्षाधीन शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत आवेदन को उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर प्रमाणीकरण करेगें। प्रमाणीकरण में मुख्यतः निम्नानुसार कार्यालयीन दस्तावेज के आधार पर कार्यवाही करेगेः-
4.1 शिक्षक ने परिवीक्षा अवधि में नियमित रूप से कार्य किया हो, कोई दीर्घकालीन अवकाश (मातृत्व अवकाश को छोड़कर) नही लिया हो। वेतन देयक से पुष्टि करना अनिवार्य होगा। यदि कोई शिक्षक स्थानांतरण से अन्य जिले में उपस्थित हुआ है तो पूर्व जिले से उसके अवकाश एवं वेतन देयक की पुष्टि की जायेगी।
4.2 शिक्षक की नियुक्ति न्यायालीयन प्रकरण में पारित अतंरिम आदेश के क्रम में स्थगन पर नहीं हो। स्थगन पर कार्यरत शिक्षक की परिवीक्षा अवधि न्यायालयीन प्रकरण के अंतिम निराकरण तक विलंबित रहेगी।
4.3 शिक्षक के विरूद्ध कोई शिकायत /जांच/नियुक्ति से संबंधित कोई न्यायालयीन प्रकरण लंबित न हो।
4.4 नव नियुक्त शिक्षक की परिवीक्षा अवधि की गोपनीय चरित्रावली संतोषजनक हो।
4.5 शिशुपालन अवकाश यदि लिया गया हो तो उसकी अवधि को स्पष्ट करेगें।
4.6 दिव्यांग श्रेणी में नियुक्त शिक्षकों के लिए आवश्यक है कि उनकी दिव्यांगता श्रेणी वही हो जिस श्रेणी में नियुक्ति हुई हो, तथा दिव्यांगता 40 प्रतिशत एवं स्थायी हो। इस संबंध में संचालनालय से जारी निर्देशों के कम में दिव्यांग श्रेणी में नियुक्त शिक्षकों की दिव्यांगता परीक्षण उपरांत प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर दिव्यांगता श्रेणी / प्रतिशत / स्थायी एवं अस्थायी के संबंध में पूर्णतः संतुष्ट होने पर ही इस श्रेणी के शिक्षकों की परिवीक्षा अवधि समाप्ति संबंधी कार्यवाही की जाये। दिव्यांग श्रेणी में नियुक्त ऐसे शिक्षक जिनका दिव्यांगता परीक्षण लंबित है अथवा माननीय न्यायालय के कम में स्थगन पर हो अथवा जिनके संबंध में अंतिम कार्यवाही शेष है उन प्रकरणों पर अंतिम निराकरण होने पर विचार किया जाए।
4.7 अन्य कोई तथ्य/ कारण जिसके आधार पर पात्रता न हो ।
5. संकुल प्राचार्य द्वारा सभी शिक्षकों की जानकारी का प्रमाणीकरण कर संकलित जानकारी पृथक-पृथक पदवार परिशिष्ट-2 पर अंकित प्रपत्र में संकलित कर उसके साथ संबंधित द्वारा प्रस्तुत आवेदन एवं बिन्दु कमांक 4.1 से 4.7 तक की जानकारी के दस्तावेज एवं प्रपत्र में निर्धारित प्रमाणीकरण के साथ पूर्ण जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत की जायेगी।
6. जिलास्तरीय समिति उपरोक्त मापदण्ड के आधार पर परीक्षण कर पात्रता का निर्धारण करेगी।
7. पात्रता का निर्धारण करते समय शिशु पालन अवकाश के संबंध में वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 22.08.2015 के अनुसार सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977 के 38 ग (4) ख अनुसार निराकरण किया जायेगा।
“यह सामान्य रूप से परिवीक्षा कालावधि के दौरान स्वीकृत नहीं किया जाएगा तथापि विशेष परिस्थितियों में यदि परिवीक्षा कालावधि के दौरान अवकाश स्वीकृत किया जाता है तो
परिवीक्षा की अवधि स्वीकृत अवकाश की उस कालावधि के बराबर अवधि तक के लिए बढ़ा दी जाएगी, जिसके लिए अवकाश स्वीकृत किया गया है।
अतः उक्त निर्देश के अनुसार परिवीक्षा अवधि का निर्धारण किया जाएगा।
8. पात्रता निर्धारण उपरांत शिक्षक के पद अनुसार निम्नानुसार कार्यवाही सम्पादित की जाएगीः-
8.1 प्राथमिक शिक्षक जिला स्तरीय समिति के परीक्षण उपरांत पात्र शिक्षकों के परिवीक्षा अवधि समाप्ति के आदेश जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किये जाऐंगे।
8.2 माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक जिला स्तरीय समिति द्वारा परीक्षण कर समस्त दस्तावेजों के साथ प्रस्ताव संयुक्त संचालक को भेजा जाएगा। संभागीय स्तर पर संयुक्त संचालक की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति गठित की जाएगी जिसमें जिले के प्रकरणों के लिए उस जिले के जिला शिक्षा अधिकारी भी सम्मिलित रहेंगे। समिति के परीक्षण उपरांत पात्र माध्यमिक शिक्षकों के परिवीक्षा समाप्ति आदेश संयुक्त संचालक द्वारा जारी किए जाएंगे ।
83 पैरा 8.2 अनुसार परीक्षण उपरात सयुक्त संचालक द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक की परिवीक्षा अवधि समाप्ति हेतु संचालनालय स्तर पर प्रस्ताव प्रेषित किया जायेगा। संचालनालय स्तर पर परीक्षण कर परिवीक्षा समाप्ति के आदेश जारी किए जाएंगे।
9. मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2018 के उप नियम 13 के अनुसार तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर वेतनमान में वेतन दिया जाना प्रारंभ किया जाएगा। परिवीक्षा अवधि में असफल होने पर नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी द्वारा सुनवाई का अवसर देने के पश्चात परिवीक्षा अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ाई जा सकेगी। बढ़ी हुई परिवीक्षा अवधि के लिए तृतीय वर्ष के अनुसार ही स्टायपेंड देय होगा। परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण नहीं करने पर परिवीक्षा अवधि पर नियुक्त लोकसेवक की सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी।
10 समस्त संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण, माध्यमिक शिक्षक की परिवीक्षा समाप्ति हेतु नियमानुसार कार्यवाही कर 10 जनवरी 2025 तक आदेश जारी कर पालन प्रतिवेदन विशेष वाहक से संचालनालय को उपलब्ध करायें।
11. उक्त निर्देशो के आधार पर उच्च माध्यमिक शिक्षकों की जिला एवं संभागीय स्तर पर परीक्षण कर शिक्षकवार नस्ती तैयार कर अनुशंसा सहित 15 जनवरी 2025 तक कार्यवाही पूर्ण कर विशेष वाहक से जानकारी एवं जिलेवार संकलित प्रपत्र संचालनालय को भेजना सुनिश्चित करें।
निर्देशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें।