इलाज नहीं मिला, मां की गोद में दम तोड़ा:अस्पताल के बाहर मां रोते हुए पुकारती रही… बेटा उठ; परिजन बोले-डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं थे

घटना जबलपुर जिले के बरगी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है। मृत बच्चे के परिजनों का कहना है कि बच्चे को उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर बुधवार सुबह 10 बजे उसे अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टर नहीं मिले। परिजनों ने बच्चे की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।
मामले में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर से फोन पर बात कर जांच के निर्देश दिए हैं और इस मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। जिनकी गलती मिलेगी, उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। इधर, जबलपुर कलेक्टर टी. इलैयाराजा का कहना है कि परिजन बच्चे को मृत हालत में ही अस्पताल लेकर पहुंचे थे। उन्होंने अस्पताल में डॉक्टर के ड्यूटी पर होने का दावा भी किया है।
परिजनों का दावा- दो घंटे डॉक्टरों का इंतजार करते रहे
बरगी से करीब 15 किलोमीटर दूर तिन्हेटा गांव के ऋषि को बुधवार सुबह उल्टी-दस्त की शिकायत हुई। बच्चे को उसके मामा पवन कुमार और परिजन सुबह करीब 10 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरगी ले गए। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में बच्चे की मेडिकल जांच के लिए एक भी डॉक्टर नहीं था। एक नर्स ड्यूटी पर थी।
ऋषि की हालत बिगड़ती चली गई और उसकी अस्पताल में ही मौत हो गई। पवन कुमार का कहना है कि नर्स ने बताया सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक डॉक्टर की ड्यूटी रहती है। लेकिन हम 12 बजे तक अस्पताल में इलाज के लिए भटकते रहे।
धार्मिक कार्यक्रम में व्यस्त थे डॉक्टर
सीएमएचओ जबलपुर दफ्तर से मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरगी में डॉ. लोकेश की ड्यूटी थी। वह बुधवार को अस्पताल में दोपहर 12 बजे पहुंचे। जबकि अस्पताल की ओपीडी सुबह 9 बजे शुरू होकर शाम 4 बजे खत्म होती है। सूत्रों के मुताबिक डॉ. लोकेश ने अपने सीनियर्स को बताया कि परिवार में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के कारण वे ड्यूटी पर देरी से पहुंचे थे।
न्यूज़ सोर्स दैनिक भास्कर