Wheat cultivation: गेहूं में किसान करें एक छोटा सा काम और मोटी-मोटी बालियों से भर जाएगा खेत, हर कोई पूछेगा राज…

Wheat cultivation
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Wheat cultivation: गेहूं की बुवाई लगभग खत्म हो चुकी है। हालांकि कुछ ऐसे किसान भी है जिन्होंने अभी तक गेहूं की बुवाई नहीं किया है। मध्य प्रदेश का खरगोन कृषि प्रधान जिला है और यहां आज भी बड़े पैमाने धान और गेहूं की खेती होती है। इस साल यहां लगभग 220000 हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य कृषि विभाग के द्वारा रखा गया है लेकिन गेहूं के उत्पादन में खरपतवार एक बड़ी रुकावट बन रही है जिसका समय पर निपटान करना बहुत जरूरी है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गेहूं की फसल में खरपतवार बड़े पैमाने पर होती है जो गेहूं के साथ-साथ बढ़ती जाती है और अगर सभी समय पर उसकी रोकथाम नहीं किया गया तो यह एक बड़ी समस्या बन जाती है। यह खरपतवार गेहूं में होने वाले पोषक तत्वों को चट कर जाते हैं जिससे फसल खराब हो जाती है।

खरपतवार से फसलों को होता है नुकसान ( Wheat cultivation )

खरगोन कृषि विज्ञान केंद्र प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर जी एस कॉलोनी ने कहा कि गेहूं फसल में खरपतवार होने की वजह से पोषक तत्व पानी और जरूरी चीजों में कमी आ जाती है जिसकी वजह से उत्पादन घट जाता है इसलिए सही समय पर आपको खरपतवार नासि का सेवन करना चाहिए।

दो कुलमी के अनुसार किस बुवाई के समय ही खरपतवार का नाश करने वाले पेंडिमथिन 30% EC का छिड़काव कर दे इसे खरपतवार काफी हद तक काम हो जाएगा। किसानों को खेती में बुवाई करते समय ही पेंडामिथाइलिन दवा पानी में मिलाकर छिट देना चाहिए।

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वही आप चाहे तो देसी तरीका से भी खरपतवार का नाश कर सकते हैं। खरपतवार नियंत्रित करने के लिए खेत में बुवाई से पहले हल्की सिंचाई करना चाहिए। किसके साथ उगे खरपतवार को हाथों से निकाल देना चाहिए यह एक बहुत ही अच्छा तरीका है। आप चाहे तो खेतों में सरसों और अजवाइन के उबले पानी का छिड़काव कर सकते हैं इससे खरपतवार नहीं बढ़ता है और गेहूं के फसल को भी नुकसान नहीं होता है।

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