ब्राडिंग: सुंदरता बढ़ा रहे कबाड़ से बने कछुआ-बिच्छू
शहर का बढ़ा दिया सौंदर्य
ब्रांड एम्बेसडर एवं उनकी टीम द्वारा कबाड़ का उपयोग कर विभिन्न कलाकृतियों के निर्माण से जहां शहर का सौंदर्य बढ़ा है वहीं हजारों किलो कबाड़ को फैलने एवं बिखरने से बचा लिया है। और इसके चलते रैकिंग सर्वे में अच्छे नंबर मिलने की संभावना बढ़ी है।
*इस वेस्ट मटेरियल का किया उपयोग*
श्रीमती नेहा गर्ग ने बताया कि इस कछुए के निर्माण में टूटी टोकनियों, पुराने स्वीच बोर्ड, मच्छर रैकेट, पेंट के डब्बो के सैकड़ो ढक्कन, एक्जास फैन को कवर, बंद पड़ा एक्सास फैन, तेल की कुप्पियां, पर्दे की राड, बंद पड़े बल्ब, पुरानी नंबर प्लेट और प्लास्टिक की पुरानी सीट का उपयोग किया है। उनका कहना था कि यदि कछुए में इनका उपयोग नहीं करते तो यह कबाड़ शहर के ट्रैचिंग ग्राऊंड में फिका दिखता।
श्रीमती गर्ग ने शहर
मेक इन इंडिया का दिया संदेश
दोपहिया वाहनों की पुरानी खराब चैन और चैन स्पॉकिट का उपयोग कर फिर से लायन बनाया गया है जिसमें मेक इन इंडिया स्लोगन लिखा दिख रहा है। यह लायन शहर के सदर क्षेत्र में पुरानी एचएमटी फैक्ट्री के सामने सूखे पेड़ पर लगाया गया है।
पुलिस पंप के सामने लगाया कछुआ
पुराने टायरों से लगभग 1 टन का हाथी बनाने के साथ कबाड़ से बनाई चिडिय़ा, दोपहिया वाहनों के पुराने पाट्र्स से लायन बनाने के अलावा पुरानी प्लास्टिक की बाटलों से डाल्फिन मछली बनाने के बाद अब ब्रांड एम्बेसडर नेहा गर्ग और उनकी टीम ने कबाड़ से ही आकर्षक कछुआ बनाया है जो पुलिस पेट्रोल पंप के सामने लगाया है।
*केवी की दीवार पर लगाया बिच्छू*
इसी तरह से सेंट्रल स्कूल गंज की दीवार पर वेस्ट प्लाई के टुकड़े और प्लास्टिक की पुरानी वेस्ट शीट से बिच्छू का निर्माण किया गया है। इसके आसपास पेंटिंग कर उसको आकर्षक बनाने की कोशिश की है। इसी के साथ दीवार पर एक घोड़ा भी पेंट से बनाया है।
*बेकार लकड़ी का किया सुंदर उपयोग*
आमतौर पर उपयोग के बाद बची हुई लकड़ी सार्वजनिक जगह या घरों में कबाड़ के रूप में पड़ी रहती है। श्रीमती गर्ग ने इस लकड़ी का बेहतरीन उपयोग किया है। दरअसल केबल वायर लाने के लिए जो लकड़ी के चकरे आते हैं वायर का उपयोग होने के बाद वे कबाड़ में पड़े रहते हैं और ऐसे ही टूटे हुए चकरों पर आकर्षक डिजाईन देकर उन्हें सुंदर बनाया गया है। और इन्हें नगर पालिका द्वारा नपा कार्यालय के मुख्यद्वार पर दोनों ओर लगाया गया है। जिस पर बरबस ही सभी की निगाहें जा रही है। इन सभी कलाकृतियों को मूर्त रूप देने के लिए ब्रांड एम्बेसडर श्रीमती नेहा गर्ग के नेतृत्व में उनके कई सहयोगियों ने काम किया है। इनमें श्रीमती टीना शर्मा, राजेश भाटिया, श्रीमती विधि गर्ग, श्रेणिक जैन, उमा सोनी, पायल सोलंकी, देवेंद्र अहिरवार शामिल है।
*श्रीमती गर्ग ने शहर वासियों से की अपील*
पुन: एक बार नगर की पहली ब्रांड एम्बेसडर नेहा गर्ग ने सभी से अपील की है कि शहर को स्वच्छता रैकिंग में नं. 1 पर लाने के लिए आप सभी अपना घर, घर के आसपास के स्वच्छता का ध्यान रखें एवं घर में पड़े कबाड़ को फेंकने की जगह उससे कुछ निर्माण करने का प्रयास करें। शहर को स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ नगर पालिका की नहीं है। समाज को भी सहयोग करना पड़ेगा तभी हम नंबर वन बनेंगे और बैतूल का नाम रोशन होगा। साफ सफाई से जहां सुंदरता दिखती है वहीं हमारे स्वास्थ्य पर भी इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता है।