Betul Nursing staff Strike: नर्सिंग स्टॉफ की हड़ताल से लडख़ड़ाई स्वास्थ्य सेवाएं, नही हुए आँखों के ऑपरेशन

Betul Nursing staff Strike: Health services stuttered due to strike of nursing staff, no eye operations

(ज्ञानू लोखंडे  बैतूल)

Betul Nursing staff Strike: बैतूल नर्सिंग स्टॉफ के हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं लडख़ड़ा गई है। हड़ताल के कारण ऑपरेशन नहीं हो पाए। वार्डो में मरीजों की देखरेख के लिए पर्याप्त स्टॉफ नहीं होने के कारण परेशान होना पड़ा। केवल इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं चलती रही। उपचार न मिलने के कारण मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हड़ताल के कारण ऑपरेशन टाल दिए गए। नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन ने गत दिनों एक घंटे की हड़ताल कर सरकार को चेताया था कि मांगे पूरी की जाए, अन्यथा अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएंगी। सरकार की तरफ से मांगों को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे नाराज नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन ने सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। नर्सिंग ऑफिसर की हड़ताल का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दिखा। लोग उपचार के लिए परेशान होते रहे, डॉक्टरों के उपचार देने के बाद मरीजों की केयर नर्सिंग स्टॉफ द्वारा ही जाती है, लेकिन हड़ताल के कारण वार्डो में लोगों को उपचार नहीं मिलने से परेशान होना पड़ा। नर्सिंग स्टॉफ ने जिला अस्पताल के सामने ही धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया है। नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन का कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं करती हड़ताल जारी रहेगी। मरीजों को उपचार नहीं मिलने के कारण परेशान होने पर इसकी जवाबदारी शासन-प्रशासन की है।

एक भी नहीं हो पाया आंखों का ऑपरेशन
नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन की हड़ताल के कारण सबसे ज्यादा आंखों के ऑपरेशन का कार्य प्रभावित रहा। जानकारी के मुताबिक आज आंखों के 12 ऑपरेशन होने थे, लेकिन नर्सिंग स्टॉफ के हड़ताल पर जाने के कारण सभी ऑपरेशन कैंसिल कर दिए। आंखों के ऑपरेशन बाद नर्सिंग स्टॉफ द्वारा मरीजों की दो-तीन दिन तक देखरेख की जाती है, लेकिन नर्सिंग स्टॉफ के हड़ताल के कारण देखरेख और उपचार करने वाला कोई नहंी था, जिसके कारण ऑपरेशन अगले दिन के लिए टाल दिए है। यह हड़ताल जारी रही तो आंखों के ऑपरेशन के कारण बुजुर्गो को और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। वृद्धजन जिला अस्पताल में आकर खाली हाथ वापस लौट गए।

सुबह से दोपहर तक एक डिलेवरी ऑपरेशन
हड़ताल के कारण इधर सुबह से दोपहर तक एक ही महिला का सीजर ऑपरेशन हो पाया था। हालांकि नार्मल डिलेवरी तो होते रही, लेकिन ऑपेरशन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऑपरेशन के बाद प्रसूताओं को देखरेख के लिए कोई नर्स स्टॉफ नहीं था। जानकारी के मुताबिक डिलेवरी वार्ड में लगभग 10 नर्सिंग स्टॉफ कार्यरत है, लेकिन हड़ताल पर जाने के कारण वार्डो में परेशानी हुई। दो नर्सिंग स्टॉफ ने महिला वार्ड का कामकाज संभाला। इतने कम स्टॉफ में उपचार देना संभव नहीं है। हालांकि इमरजेंसी ऑपरेशन हुए है, लेकिन जिन लोगों के ऑपरेशन टाले जा सकते है, उनके ऑपरेशन की तिथि बढ़ा दी गई। हड़ताल की वजह से कई लोगों को निजी अस्पतालों का सामना करना पड़ा।
संविदा स्टॉफ ने संभाला मोर्चा
नियमित नर्सिंग स्टॉफ के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं लडख़ड़ा गई। स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रखने के लिए संविदा स्टॉफ ने मोर्चा संभाला। संविदाकर्मियों पर कामकाज का अधिक बोझ आ गया। एक-एक कर्मचारी को दो-दो वार्डो तक काम संभालना पड़ा। जहां एक वार्ड में दो-तीन नर्सिंग स्टॉफ रहते थे वहां बड़ी मुश्किल से एक संविदाकर्मी काम करते दिखाई दिए। संविदा कर्मियों के साथ-साथ कॉलेज से आने वाले छात्रों का भी सहारा लेना पड़ा। 

Related Articles

Back to top button