4 बच्चों की विधवा मां भूखे पेट खींच रही बैलगाड़ी:15 किमी पैदल चली; बाइक सवारों ने पूछा तो रो पड़ी
पति गुजर गए, हमारे पास घर नहीं, कोई तो मदद करें
सारंगपुर की रहने वाली लक्ष्मी ने बताया- दो ढाई साल पहले मेरे पति गुजर गए। हमारे पास दो वक्त का खाना खाने के पैसे तक नहीं है। मेरे 4 छोटे-छोटे बच्चे हैं। हमारे यहां हर आदमी ने घर बना लिया है, लेकिन हम आज भी बरसाती डालकर ही रह रहे हैं। बरसात के समय पूरे घर में पानी भर जाता है। आंधी आती है तो घर की छत उड़ जाती है। ठंड में हमारी क्या हालत होती है, अब क्या बताएं। मेरे बच्चे भी काम करते हैं। सरकार से अभी तक 1 रुपए की मदद नहीं मिली है। विधवा पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलता। पेट भरने के लिए खुद भरी दोपहरी में बैलगाड़ी खींचती हूं। पहली बार दो बाइक सवारों ने मेरी मदद की। हम लोगों को घर छोड़ा। अब सरकार से मदद की आस है।
न्यूज़ सोर्स दैनिक भास्कर