शिवराज बोले-पार्टी दरी बिछाने का काम देगी तो मैं करूंगा:संसदीय बोर्ड से बाहर होने पर CM ने कहा-पार्टी कहेगी गांव में रहो तो वहां रहूंगा; मुझे अहम नहीं
शिवराज ने एक चैनल के कार्यक्रम में कहा- बीजेपी एक विशाल परिवार है। इसके प्रवाह में कोई आगे बढ़ता है तो कोई बाहर आता है। केंद्रीय स्तर पर एक टीम होती है जो यह तय करती है कि किसे, क्या काम करना है। जैसे हम प्रदेश में तय करते हैं। शिवराज ने कहा- राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसदीय बोर्ड में जिन्हें शामिल किया है, वे सभी योग्य हैं। इसमें पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण को ध्यान में रखा गया है।
कभी कल्पना नहीं की थी कि विधायक भी बनूंगा शिवराज ने कहा, हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बड़े लक्ष्य को सामने रखकर सालों से काम कर रहे हैं। जब काम शुरू किया था तो नहीं पता था कि कभी विधायक भी बनूंगा। 17 साल की उम्र में आपातकाल का विरोध करने पर जेल भेज दिया गया था। 1974 में जेपी मूवमेंट से जुड़ा। फिर विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता रहा। कभी कल्पना नहीं की थी, विधायक, सांसद, मंत्री बनूंगा… मुख्यमंत्री का तो कभी सोच ही नहीं सकता था।
17 अगस्त को हुआ बोर्ड का पुनर्गठन
बीजेपी ने 17 अगस्त को अपने संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन किया था। जिसमें कुछ नए चेहरों को जगह दी गई है, जबकि मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बाहर किया गया था। शिवराज बीजेपी के सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं। यही वजह है कि वे पिछले 9 साल से संसदीय बोर्ड के सदस्य रहे। मध्यप्रदेश से अब दलित नेता सत्यनारायण जटिया को जगह मिली है। संघ के करीबी माने जाने वाले जटिया उज्जैन से 7 बार सांसद रहे। बीजेपी ने एक बार उन्हें राज्यसभा भी भेजा।
न्यूज़ सोर्स दैनिक भास्कर