कभी बंदूक तो कभी तलवार की नोक पर हो रही वारदात

  • सारनी।डब्ल्यूसीएल पाथाखेड़ा में कार्यरत सुरक्षा गार्ड ख़ौफ़ज़दा है। फिल्मी स्टाइल में नकाबपोश बदमाश बंधक बनाकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। हालांकि इस तरह की वारदात क्षेत्र में कोई नई नहीं है। लेकिन सुरक्षा गार्डों में खौफ इतना ज्यादा है कि रात्रि पाली में ड्यूटी करने से अब डरने लगे हैं। दरअसल कभी नकाबपोश बदमाश कनपटी पर बंदूक अड़ाकर तो कभी गर्दन पर तलवार रखकर ख़ौफ़ पैदा कर वारदात कर रहे हैं। इसी से सुरक्षा गार्ड ख़ौफ़ज़दा है। जान हथेली पर रखकर सुरक्षा गार्ड ड्यूटी कर भी लेते हैं तो इस तरह की वारदात होने पर प्रबंधन साथ नहीं देता। इससे सुरक्षा गार्डों में प्रबंधन के प्रति आक्रोश पनप रहा है। लेकिन विरोध नहीं कर पा रहे। जबकि मजदूरों का हितैषी बनने वाले श्रम संघों के नेता गार्डों को सुरक्षा प्रदान करने प्रशासन के समक्ष धरना, प्रदर्शन कर घटना का विरोध करने के बजाय पीछे हट रहे हैं। जिससे वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। जबकि गार्डों का ड्यूटी करना मुश्किल हो गया है। 16 अगस्त की रात छतरपुर-टू माइंस पर कार्यरत हरिशंकर की कनपटी पर बंदूक लगाकर घड़ी, नकदी रुपए और बत्ती लेकर बदमाश बाग निकले। वहीं 18 अगस्त की रात एक बार फिर 15-20 हथियारबंद नकाबपोश बदमाशों ने धावा बोलकर सुरक्षा गार्डों को बंधक बना लिया। इस बीच वर्कशॉप की दीवार में गड्ढा कर कीमती सामान ले जाते। इससे पहले ही एरिया सुरक्षा और पुलिस टीम के पहुँचते ही बदमाश गार्डों के मोबाइल फेंककर भाग निकले। पाथाखेड़ा क्षेत्र की खदानों में आए दिन अब इस तरह की वारदात हो रही है। जिससे पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि पुलिस द्वारा वास्तविक अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाए छोटे-मोटे कबाड़ी जो गली, मोहल्ले से कबाड़ खरीदकर अपना जीवन यापन करते हैं। उन पर कार्रवाई कर खूब वाहवाही बटोरी जाती हैं। जबकि संगीन वारदात को अंजाम देने वाले और अवैध रूप से स्क्रैप का व्यवसाय करने वाले वास्तविक अपराधी पुलिस गिरफ्त से बाहर होते हैं। यही वजह है कि अब क्षेत्र में संगीन अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। सवाल यह भी है कि पुलिस यदि पूरी ईमानदारी से कार्रवाई करती तो निश्चित ही बदमाशों का ख़ौफ़ कम होता। लेकिन औपचारिकता पूरी करने कार्रवाई करने से अपराध कम होने के बजाय बढ़ रहे हैं। रात में वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों के पास पिस्टल, रॉड, तलवार समेत अन्य हथियार होने की बात गार्डों द्वारा कही जा रही है।

    इनका कहना –

    छतरपुर-टू खदान की घटना की मुझे जनकारी नहीं है। घटना के संबंध में चौकी प्रभारी से बात करता हूं। रोशन कुमार जैन, एसडीओपी सारनी।

    तीन सुरक्षा गार्डों को बंधक बनाया था। बदमाशों ने वर्कशॉप की दीवार में गड्ढा करके चोरी का प्रयास किया है। पुलिस पेट्रोलिंग टीम पहुँचने पर बदमाश भाग निकले। सीसीटीवी कैमरे लगाने एसओ ओ&एम को पत्र लिखा है। नरेश सिंह, मैनेजर, छतरपुर-टू, पाथाखेड़ा क्षेत्र।

    छतरपुर-टू खदान में 16 से 18 अगस्त के बीच दो गंभीर वारदात हुई है। जो क्षेत्र के लिए ठीक नहीं है। खदान प्रबंधक की लापरवाही भी सामने आई है। सुरक्षा गार्डों से बाबूगिरी कराई जा रही है। इसको लेकर उपक्षेत्रीय प्रबंधक से भी चर्चा की है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रबंधन से सतत संपर्क में हैं। सीआईएसफ की सुरक्षा की मांग की है। जरूरत पड़ी तो अपराध रोकने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे। श्रीकांत चौधरी, महामंत्री, एटक, पाथाखेड़ा क्षेत्र।

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