बैतूल– दुनिया ने भले ही चांद पर कदम रख दिया हो, लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास कायम है। राज्य सरकार, पुलिस- प्रशासन, सामाजिक संस्थाएं इन अंधविश्वास के खिलाफ आए दिन जागरूकता अभियान चलाते हैं। उसके बाद गाहे बगाहे गांव समाज में अंधविश्वास से जुड़ी घटनाएं उजागर हो ही जाती हैं। कई बार अंधविश्वास और झाड़-फूंक के चक्कर में लोगों की जानें चली जाती हैं, इसके बावजूद लोग इससे कोई सबक नहीं लेते। ऐसा ही एक ताजा मामला बुधवार को जिला अस्पताल बैतूल में सामने आया है। गेंहूबारसा डुडर निवासी युवक राजेश चौऱेकर की तबियत बिगड़ जाने पर इलाज के लिए जिला अस्पताल भर्ती किया है। राजेश का मानना है कि उसे पीलिया की बीमारी हुई है। जिला अस्पताल में राजेश की तांत्रिक हेमराज ठाकरे निवासी निवारी चिचोली से मुलाकात हुई। तांत्रिक का दावा था कि झाड़-फूंक करने से पीलिया की बीमारी ठीक हो जाती है इसी झांसे में आकर राजेश ने तांत्रिक से झाड़-फूंक करवाई। तांत्रिक ने मरीज से 100 रुपये भी ले लिए। उक्त तांत्रिक ने दवा किया था की तीन बार झाड़ फूक करने के बाद बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। तांत्रिक ने थाली में सरसों का तेल लेकर जिला अस्पताल के सामने ही झाड़ फूक करना शुरू कर दिया। जैसे ही अस्पताल चौकी पुलिस को इस संबंध में जानकारी मिली पुलिस ने तांत्रिक को अस्पताल में तलाशना शुरू कर दिया। पुलिस तांत्रिक को ढूंढने में सफल गई चौकी प्रभारी सुरेंद्र वर्मा और प्रधान आरक्षक विजय बडौदे ने तांत्रिक से सख्ती से पूछताछ की तो तांत्रिक ने झाड़-फूंक करने के एवज में 100 लेने की बात कबूल की है। अस्पताल चौकी पुलिस ने तांत्रिक से मरीज के 100 रुपये लौटाए और हिदायत दी गई कि अस्पताल में इस तरह से झाड़-फूक कर अंधविश्वास फैलाया गया तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी। पुलिस ने मरीजों से भी कहा कि इस तरह के अंधविश्वास में ना आए और डॉक्टरों के बताए अनुसार ही उपचार जारी रखें।