Success Story: गलियों में अखबार बेचने वाला बना IAS, कभी होटल में साफ करते था टेबल, 13 साल अनाथालय में भी बिताए

Success Story : बड़े बुजुर्गों के मुंह से अक्सर अपने कहते हुए सुना होगा कि ” मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है”। यह कहावत आईएएस अधिकारी IAS B Abdul Nasar ने सच कर दिखाया। अब्दुल ने अपनी गरीबी को हराकर यूपीएससी जैसे सपने को साकार कर दिखाया। अब्दुल नासिर का यह कहानी आपको काफी मोटिवेट करेगा। तो आईए जानते हैं अब्दुल की कहानी…
5 साल के उम्र में हो गया था के पिता का निधन (Success Story)
IAS B Abdul Nasar जब बहुत छोटे थे तभी उनके पिता का निधन हो गया इसके बाद उनकी मां जगह-जगह काम करके उनका परिवारिश करने लगी। अब्दुल नसर और उनके भाई बहन अनाथालय में पले बड़े हैं।
13 साल तक अनाथालय में रहे थे
13 साल तक, वे केरल के अलग-अलग अनाथालयों में रहे और वहीं से पढ़ाई की। नसर ने 10 साल की उम्र में होटलों में सफाई और सामान पहुंचाने यानी डिलीवरी बॉय का काम शुरू कर दिया था।
कई जगह की पार्ट टाइम जॉब
गरीब होने के बाद भी अब्दुल नसर ने कभी हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने कई जगह पार्ट टाइम जॉब किया। उन्होंने ट्यूशन टीचर फोन ऑपरेटर और अखबार बांटने जैसे पार्ट टाइम जब भी किया।
सर्वश्रेष्ठ डिप्टी कलेक्टर का अवॉर्ड
साल 1994 में, पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद, नासर ने केरल स्वास्थ्य विभाग में नौकरी शुरू की। वह लगन और कड़ी मेहनत से, राज्य सिविल सेवा के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर के पद तक पहुंचे। साल 2015 के अंत तक उन्हें केरल में सर्वश्रेष्ठ डिप्टी कलेक्टर घोषित किया गया।
साल 2019 में बने जिला कलेक्टर
साल 2017 में, बी. अब्दुल नासर को IAS अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया गया। बाद में, उन्होंने केरल सरकार के आवास आयुक्त के रूप में कार्य किया और 2019 में, उन्हें कोल्लम का जिला कलेक्टर नियुक्त किया गया।