By-Elections: रवींद्र देशमुख आत्महत्या मामले के बाद उप चुनाव में भाजपा की करारी हार, विधायक और महामंत्री नही बचा पाए सीट

By-Elections: BJP faces a crushing defeat in the by-elections after Ravindra Deshmukh suicide case, MLA and General Secretary could not save the seat

 

By-Elections:  बैतूल जिले के सारणी का चर्चित रविंद्र देशमुख आत्महत्या मामले के बाद सारणी में हुए उपचुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। विधायक और महामंत्री भी भाजपा को जीत नहीं दिला सके। गुरुवार को सारणी नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 33 में पार्षद का उपचुनाव हुआ।  इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रेखा सुनील भलावी 160 वोटों से विजय हुई है। रेखा कुल 383 वोट मिले है।  वहीं भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मी को महत्व 223 ही मिल सके। भाजपा प्रत्याशी की करारी हार हुई है। उल्लेखनीय है कि इस वार्ड की भाजपा पार्षद संगीता सूर्यवंशी शिक्षक बन जाने के बाद उन्हें नौकरी ज्वाइन की तब से  सीट खाली हो गई थी जिस पर उपचुनाव संपन्न हुए है। 

कांग्रेसियों ने मनाया जीत का जश्न
आत्महत्या मामले के बाद भाजपा को लगा झटका
भाजपा नेता रविंद्र देशमुख आत्महत्या मामले के बाद सारणी क्षेत्र में भाजपा की उपचुनाव में यह करारी हार है। रविंद्र देशमुख आत्महत्या मामले में अभी कुछ आरोपित गिरफ्तार नहीं हो सके हैं। इस मामले में कुछ भाजपा नेताओं को भी आरोपी बनाया गया है। हालांकि मामले के बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। इस केस के बाद भी उपचुनाव में भाजपा को मिली हार से सबक लेना चाहिए। मतलब की सारणी में अभी भाजपा के लिए सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। 
विधायक महामंत्री ने बचा सके सीट
सारणी विधानसभा आमला क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र से भाजपा विधायक डॉ योगेश पंडागरे आते है। विधायक भी  उपचुनाव में भाजपा की सीट नहीं बचा सके। भाजपा के महामंत्री कमलेश सिंह जो की सारणी में ही रहते हैं। इसके बावजूद यह बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कमलेश सिंह अपने आप को जरूर बड़ा नेता मानते हैं लेकिन उपचुनाव में भाजपा की हार से साफ हो गया है कि सारणी से कमलेश सिंह का वर्चस्व खत्म होते जा रहा है। भाजपा को अब नए सिरे से पार्टी को मजबूत करने की आवश्यकता है। सूत्र बताते हैं कि कमलेश सिंह स्थानीय नेता होने के बावजूद उन्होंने चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। यही कारण है कि भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। 

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