खुशखबरी: एलोपैथी के साथ मिलेगा आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और यूनानी पद्धतियों से उपचार, बैतूल में आयुष विंग बनेगी
इन जिलों में बनेंगी आयुष विंग
ग्वालियर, अशोकनगर, भिंड, कटनी, उमरिया,अलीराजपुर, आगर-मालवा, रीवा, अनूपपुर, बैतूल, भोपाल, खरगोन, धार, सतना, शहडोल, सिंगरौली, सागर, निवाड़ी, बुरहानपुर, खंड़वा, मुरैना और उज्जैन के जिला अस्पताल परिसर में ही आयुष विंग बनाई जाएंगी।
छह डॉक्टर करेंगे उपचार
आयुष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिला अस्पताल में बनने वाली आयुष विंग में छह डॉक्टर पदस्थ किए जाएंगे। इनमें तीनों पैथियों के एक-एक विशेषज्ञ और एक-एक सहायक चिकित्सक होंगे। हर विंग में 15 कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे।
एक ही छत के नीचे कई सुविधाएं
जिला अस्पताल में एलोपैथी से उपचार किया जाता है लेकिन कुछ बीमारियों में आयुष की पैथियां कारगर होतीं हैं। मरीज सीधे अपनी इच्छा से या जिला अस्पताल के डॉक्टरों की सलाह पर आयुर्वेदिक, होम्यापैथी, यूनानी डॉक्टर से इलाज करा सकेंगे। जिला अस्पताल में पैथोलॉजी, एक्सरे सहित तमाम जांचों की सुविधा हाेने से मरीजों को भटकना भी नहीं पड़ेगा।
कई गंभीर बीमारियों कहो का उपचार
गठिया, लकवा, पेट से जुड़े रोग, साइनस, माइग्रेन, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, साइटिका, बीपी, डायबीटीज, लिवर संबंधी विकार, जोड़ों का दर्द, आंख और आंत की बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को पंचकर्म से लाभ मिल सकेगा।
50 रूपए मैं मिलेगी इलाज की सुविधा
आयुष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आयुर्वेदिक कॉलेजों की तरह जिला अस्पतालों की आयुष विंग में प्रति सत्र 50 रूपए में पंचकर्म की सुविधा मिलेगी। वहीं नस्य जैसी विधा का 30 रूपए में लाभ मिलेगा। हालांकि जिला अस्पतालों में रोगी कल्याण समितियां आधिकारिक तौर पर दरें तय करेंगी।
मंत्री जी का यह है कहना ….
हम 22 जिला अस्पतालों में आयुष विंग तैयार करने जा रहे हैं। इससे जिला अस्पताल में ही मरीजों को सभी चिकित्सा पद्धतियों के डॉक्टर मिलेंगे। यहां जांच और उपचार की व्यवस्थाएं होंगी। इससे मरीजों को जटिल बीमारियों का आसानी से आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और यूनानी उपचार मिल सकेगा।
रामकिशोर नानो कांवरे, आयुष राज्यमंत्री मप्र
(न्यू सोर्स भास्कर)