एमपी के 1581 नर्सिंग होम का निरीक्षण, 169 के पंजीयन रद्द, बैतूल के भी 3 नर्सिंग होम शामिल

भोपाल – नियमों को ताक पर रखकर चल रहे प्रायवेट अस्पतालों पर सरकार सख्त नजर आ रही है। प्रदेश भर में लगातार चल रहे नर्सिंग होम के निरीक्षण में भारी खामियां देखने को मिल रहीं हैं। बीते नवंबर 2021 से 21 फरवरी 2022 तक प्रदेश भर में करीब 1581 नर्सिंग होम की स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने औचक निरीक्षण कर जांच पड़ताल की है इनमें करीब एक हजार नर्सिंग होम्स में खामियां मिलीं। 1036 नर्सिंग होम के संचालकों को शोकॉज नोटिस जारी किए गए। यही नहीं नियम कायदों को ताक पर रखकर चल रहे 169 नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन कैंसिल किए गए हैं। हालांकि प्रदेश भर में रजिस्टर्ड 2406 निजी अस्पतालों में अब तक सिर्फ 66 फीसदी का ही निरीक्षण हो पाया है। सबसे ज्यादा फर्जी अस्पताल ग्वालियर में मिले हैं। यहां 53 नर्सिंग होम के पंजीयन रद्द किए गए हैं।
सबसे ज्यादा प्रायवेट अस्पताल भोपाल में, दूसरे नंबर पर ग्वालियर
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 2406 नर्सिंग होम रजिस्टर्ड हैं। इनमें सबसे ज्यादा 369 नर्सिंग होम भोपाल में हैं दूसरे नंबर ग्वालियर में 367, इंदौर में 312, जबलपुर में 136 प्रायवेट अस्पताल पंजीकृत हैं। सबसे कम उमरिया में एक और डिंडोरी में सिर्फ दो नर्सिंग होम हैं।
किस जिले में कितने नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन हुए कैंसिल
नियमों के मुताबिक न स्टाफ और न ही इन्फ्रास्ट्रक्चर
भोपाल के सीएमएचओ डॉ.प्रभाकर तिवारी ने बताया कि शासन के निर्देश पर लगातार नर्सिंग होम्स का निरीक्षण कराया जा रहा है। अधिकांश नर्सिंग होम्स में नियमों के अनुसार स्टाफ और पर्याप्त संसाधन नहीं मिले। इन्हें शो कॉज नोटिस जारी कर सुधार के लिए निर्देशित भी किया गया लेकिन जिनमें बडे़ पैमाने पर गड़बडियां मिलीं उनके पंजीयन रद्द किए जा रहे हैं।
बैतूल के भी तीन नर्सिंग होम शामिल – बैतुल में भी कार्यवाही होने से अन्य नर्सिंग होम में हड़कंप मचा हुआ है। बैतूल में भी तीन नर्सिंग होम के रजिस्टर ह रजिस्ट्रेशन कैंसिल किए गए हैं। यह नर्सिंग होम शासन के नियमों पर खरे नहीं उतरे इसलिए कार्यवाही की गई है।