8 वर्षीय बालिका के साथ दुराचार करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

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बैतूल– 8 वर्षीय अबोध बालिका के साथ बलात्कार करने वाले 17 वर्षीय विधि का उल्लंघन करने वाले बालक को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 1500 रूपये जुर्माने से दंडित किया है। अनन्य विशेष न्यायाधीश ने मंगलवार को फैसला सुनाया है। अभियोजन अधिकारी / विशेष लोक अभियोजक श्री एस.पी.वर्मा एवं विशेष लोक अभियोजक श्री ओमप्रकाश सूर्यवंशी के द्वारा पैरवी की गयी प्रकरण चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण की सूची में सम्मिलित था ।
घटना का संक्षिप्त विवरण यह है कि दिनांक 07 नवम्बर 2018 को पीड़िता की मां ने थाना शाहपुर में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी कि दिनांक 06.नवम्बर 2018 को वह मजदूरी से लौटकर गांव आने के लिये भौरा बस स्टेण्ड पर उतर गयी थी उसके पति घर पर पीड़िता एवं उनके पुत्र को छोड़कर मोटर सायकल से फरियादिया को लेने भौंरा आये थे । फिर फरियादिया और उसके पति बाजार करके शाम 04:30 बजे घर पहुंच गये थे , जब वे लोग उनके घर पहुंचे तो विधि का उल्लंघन करने वाला बालक जो फरियादिया का चचेरा भाई लगता है एवं पीड़िता का मामा लगता है । उनके घर से निकल कर भागते दिखा उसके पीछे फरियादिया की जेठानी चिल्लाते हुये भागते आ रही थी । तभी बालक मोटर सायकल से भाग गया । फरियादी की जेठानी ने फरियादी और उसके पति को बताया कि वह अपने घर पर काम कर रही थी तभी पीड़िता के जोर – जोर से चीखने – चिल्लाने की आवाज आने पर उसने पीड़िता के घर जाकर देखा तो विधि का उल्लंघन करने वाला बालक पीड़िता के साथ बलात्कार कर रहा था । पीड़िता से पूछने पर उसने बताया कि उसके पिता के भौरा जाने के बाद बालक मोटर सायकल से उसके घर आया था और मोटर सायकल की चाबी पीड़िता के भाई को देकर बाहर खेलने जाने का कहकर उसके छोटे भाई को घर से बाहर भिजवा दिया था । फिर बालक ने घर में पीड़िता को रसोई वाले कमरे में ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया , जब पीड़िता रोने एवं चिल्लाने लगी तो उतने में ही फरियादिया की जेठानी पीड़िता के पास आ गयी और बालक को एक तरफ हटा दिया । फिर बालक वहां से भाग गया । पीड़िता की माता की शिकायत के आधार पर पुलिस थाना शाहपुर के द्वारा बालक के विरूद्ध
बालक को धारा 376 एवी भा.द.वि. में 20 वर्ष धारा 376 ( 2 ) ( एफ ) भा.द.वि.
अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया , पुलिस थाना शाहपुर द्वारा आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था । माननीय न्यायालय में अभियोजन द्वारा सशक्त पैरवी करते हुये अपना मामला युक्ति युक्त संदेह से परे प्रमाणित किया गया । प्रकरण में पैरवीकार्य के दौरान कोर्ट मोहर्रिर पंकज वटके द्वारा साक्षियों की साक्ष्य हेतु उपस्थिति में अभूतपूर्व सहयोग किया साथ ही प्रकरण में पत्राचार एवं टाईपिंग कार्य में जिला अभियोजन कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड -3 श्रीमती कविता हाथरसी ने सहयोग प्रदान किया । न्यायालय ने पीड़िता को प्रदान किया प्रतिकर माननीय न्यायालय ने बालक को दोषसिद्ध करने के साथ म.प्र . ड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत 1,00,000 रूपये की राशि पीड़िता को प्रदान किये जाने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बैतूल को लेख किया है । माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित विधिक सिद्धांत के पालन में पीड़िता एवं विधि का उल्लंघन करने वाले बालक की पहचान उजागर न हो सके इस तथ्य का ध्यान रखे जाने हेतु अनुरोध है ।

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