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घर में अवैध रूप से सागौन रखने वाले आरोपी को एक वर्ष कारावास की सजा


ज्ञानू लोखण्डे बैतूल

  • बैतूल -अवैध रूप से सागौन लकड़ी रखने वाले आरोपी भैसदेही के ग्राम नादा निवासी रेवा पिता किशोरी को न्यायालय न्यायिक मजिट्रेट प्रथम श्रेणी बैतूल ने धारा 16 म.प्र . वनोपज ( व्यापार विनियमन ) अधिनियम में दोषसिद्ध पाकर आरोपी को 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया । प्रकरण में म.प्र . शासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अजीत सिंह के द्वारा पैरवी की गई ।
    यह है पूरा मामला-
    04 जुलाई 2014 को पश्चिम वनमंडल बैतूल के वन परिक्षेत्र कार्यालय चिचोली में यह सूचना प्राप्त हुई थी कि ग्राम नांदा निवासी आरोपी रेवा के घर अवैध सागौन लकड़ी रखी हुई है । उक्त सूचना के आधार पर डिप्टी रेंजर मनमोहन सिंह ने आरोपी रेवा के घर की तलाशी लेने हेतु सर्च वारंट प्राप्त कर एक दल गठित करते हुए ग्राम नांदा आरोपी के घर गये थे । सर्च वारंट को आरोपी रेवा को तमील कराया गया था उसके पश्चात आरोपी के घर व खेत खलिहान की तलाशी ली गई थी , तलाशी के दौरान आरोपी के घर एवं खलिहान से 55 नग सागौन , 6 नग आधे अधूरे बने हुए सोफे एवं फर्नीचर बनाने के औजार बरामद हुए थे । आरोपी के घर से जप्त सागौन लकड़ी के संबंध में आरोपी ने कोई वैद्य दस्तावेज नहीं दिये थे । मौके पर ही आरोपी के घर से जप्तशुदा लकड़ी , औजार एवं आधे अधूरे बने हुए सोफे एवं फर्नीचर बनाने के औजार को जप्त कर जप्तीनामा बनाया गया था तथा मौके की कार्यवाही करते समय मौका पंचनामा बनाया गया तथा आरोपी रेवा के विरूद्ध पी.ओ.आर. क्रमांक 1196/25 जारी किया गया था । प्रकरण में आवश्यक विवेचना कार्यवाही पूर्ण कर परिवाद पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था । माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोजन द्वारा अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया गया था तथा प्रकरण में अंतिम तर्क के समय राज्य की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श् अजीत सिंह द्वारा अंतिम तर्क प्रस्तुत किये गये थे जिनसे सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 रूपयें के जुर्माने से दंडित किया गया ।

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