चोरी हुए ‘शनिदेव’, पुलिस ढूंढ लाई ‘यमराज’.. पढ़िए पूरी खबर क्या है

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भोपाल- भिंड पुलिस को यमराज और शनिदेव में अंतर नहीं पता है। वह यमराज को शनिदेव बताकर एक मंदिर ट्रस्ट को देना चाहती है। ट्रस्ट के लोगों ने मूर्ति यमराज की कहकर लेने से मना कर दिया। ऐसे में यमराज थाने के मालखाने में बंद हैं।

मामला लहार थाना क्षेत्र का है। यहां 21 जनवरी की रात चोर भाटनताल स्थित नवग्रह मंदिर से शनिदेव की मूर्ति उखाड़कर ले गए थे। पुलिस ने एक मूर्ति 2 फरवरी को बरामद की। पुलिस इसे बरामद करने के नाम पर अपनी पीठ थपथपा रही थी, लेकिन मूर्ति यमराज की निकली तो अब खूब किरकिरी हो रही है। इसके बाद लहार एसडीओपी अवनीश बंसल ने मंदिर ट्रस्ट के साथ बैठक भी की, लेकिन ट्रस्ट ने यह मूर्ति नहीं ली।

यह है मामला
शनिदेव की मूर्ति चोरी होने से श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश है। उन्होंने बीते दिनों बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को ज्ञापन देकर पूरे मामले से अवगत कराया था। वीडी शर्मा ने लहार पुलिस को इस घटना को गंभीरता से लिए जाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। उसे रौन थाना क्षेत्र के मढ़ी जैतपुरा गांव में मूर्ति मिली। पुलिस ने मूर्ति को थाने लाकर मालखाने में रख दिया।

इस मूर्ति की पहचान मंदिर ट्रस्ट समिति के सदस्यों से कराई गई। ट्रस्ट के लोगों ने इसे यमराज की मूर्ति कहकर लेने से मना कर दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि मूर्ति के एक हाथ दंड और दूसरे हाथ में पांस है। यह भैंसा पर सवार है। न्याय के देवता शनिदेव के भैंसा पर सवार होने का किसी भी धार्मिक ग्रंथ में उल्लेख नहीं है।

(भास्कर न्यूज)

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