CBI ने सिसोदिया को बनाया एक्साइज स्कैम का आरोपी:क्या है सरकारी दुकानें बंद करने और 144 करोड़ की टेंडर फीस माफ करने का मामला
जुलाई 2022 : 30 जुलाई को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। 1 अगस्त 2022 से पुरानी नीति पर ही शराब को बेचा जाएगा।
अगस्त 2022 : 19 अगस्त को CBI ने दिल्ली की नई शराब नीति के मामले में डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के आवास समेत 21 जगहों पर छापेमारी की है। CBI ने सिसोदिया समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया है।
दिल्ली की पुरानी शराब नीति में 60% दुकानें सरकारी थीं
दिल्ली में पुरानी नीति के तहत L1 और L10 लाइसेंस रिटेल वेंडर को दिया जाता था। इसमें L1 दुकानें DDA के अप्रूव्ड मार्केट, लोकल शापिंग सेंटर, कन्वीनिएंट शॉपिंग सेंटर, डिस्ट्रिक्ट सेंटर और कम्युनिटी सेंटर में चला करती थीं।
2003 से ही L1 और L10 लाइसेंस चल रहे थे। L10 वाइन शॉप के लाइसेंस शॉपिंग मॉल के लिए थे। हर साल वेंडर लाइसेंस रिन्यू के लिए फीस भरता है। वहीं होलसेल के लिए फिक्स प्राइज था और बिलिंग अमाउंट पर वैट लगता था।
दिल्ली में 17 नवंबर 2021 को शराब के लिए नई आबकारी नीति लागू होने तक 849 शराब की दुकानें थीं। इनमें से 60% दुकानें सरकारी और 40% निजी थीं।
दिल्ली सरकार ने नई नीति के तहत 2021 में सरकारी दुकानें बंद कर दीं
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर को नई शराब नीति को मंजूरी दी। इसके तहत दिल्ली में शराब की सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया। नई नीति को लागू करने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया था। हर जोन में 27 शराब की दुकानें थीं। इन दुकानों का मालिकाना हक जोन को जारी किए गए लाइसेंस के तहत दिया गया था। हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी गई।
सरकार ने लाइसेंस धारकों के लिए नियमों को भी आसान बनाया। इसके तहत उन्हें शराब पर डिस्काउंट देने और MRP पर बेचने के बजाय खुद कीमत तय करने की छूट दी। वेंडर्स को डिस्काउंट देने का फायदा भी हुआ। इससे शराब की बिक्री में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली। हालांकि विपक्ष के विरोध के बाद आबकारी विभाग ने कुछ समय के लिए छूट वापस ले ली।
न्यूज़ सोर्स दैनिक भास्कर