बैतूल- मुलताई नगर पालिका चुनाव में जनता ने भाजपा को जनादेश दिया लेकिन सब कुछ उलट हो गया। भाजपा की पार्षद ने अपनी ही पार्टी को धोखा दे दिया और कांग्रेस के साथ मिलकर अध्यक्ष बन गई। यह सब कुछ होने के बावजूद भाजपा हाथ पर हाथ धरे बैठी है। पार्टी को धोखा देने वालों पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। 8 अगस्त को मुलताई नगरपालिका अध्यक्ष के लिए चुनाव हुए भाजपा से वर्षा गढेकर, नीतू परमार और काग्रेस से वंदना साहू ने नामांकन दाखिल किया। भाजपा ने वर्षा गढेकर के नाम पर मुहर लगा दी। अध्यक्ष के लिए चयन नही होने से नाराज नीतू परमार ने अपना नामांकन वापस नही लिया और बागी होकर चुनाव लड़ी। काग्रेस ने दाव खेलकर अपने प्रत्याशी वंदना का फार्म उठा लिया और भाजपा की बागी को समर्थन दे दिया। इतना सब कुछ खेल होने के बावजूद भाजपा ने अपनी पार्टी से बगावत कर धोखा करने वाली नीतू परमार को अभी तक पार्टी से बाहर का रास्ता नहीं दिखाया है। नगर पालिका अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा की बागी नीतू परमार कांग्रेसियों के साथ प्रत्येक कार्यक्रम में साथ दिखाई दे रही है। चुनाव होने के 9 दिन बाद भी निष्कासन की कार्यवाही नहीं होने से लोगों के मन में कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगो मे चर्चा हैं कि इस पूरे मामले में भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों की सांठगांठ है। दिलचस्प बात यह है कि नीतू परमार को न तो भाजपा निष्कासित कर पाई है और ना ही कांग्रेस ने अपने पार्टी में शामिल किया है। इनका कहना है….. चुनाव के बाद 15 अगस्त नजदीक आ गया। पार्टी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम पर अधिक फोकस था। इसलिए अभी तक नीतू परमार पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मिलकर चर्चा करेंगे और जल्द निष्कासन की कार्यवाही की जाएगी। आदित्य( बबला) शुक्ला जिलाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी बैतूल