बैतूल- जिले में अक्सर देखने को मिलता है कि पुरूस्कारों की रेवाड़ी बाट दी जाती है। फिर चाहे अच्छा काम करे या ना करे। जिला प्रशासन द्वारा 15 अगस्त और 26 जनवरी को उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी, कर्मचारी और समाज सेवी को पुरुस्कृत किया जाता है। बैतूल में कुछ उलट देखने को मिलता है। यहाँ काम करने वालों को छोड़ काम मे मक्कारी और लापरवाही करने वालो को भी आसानी के साथ पुरुस्कार मिल जाता है। अमूमन अधिकतर विभागों में यही देखने को मिलता है। सरकारी विभागों के अधिकारी से लेकर कर्मचारियों को वेतन के रूप में बड़ी रकम दी जाती है। जिसके एवज में काम किया जाता है। ऐसे कौन से अधिकारी और कर्मचारी है जो अपने डिवटी समय के बाद सामाजिक तौर या फिर अपने ऑफिस में अतिरिक्त समय देकर काम करते है। आकलन होगा तो बड़े मुश्कल से एक्का- दुक्का ही सामने आएंगे। जब पुरुस्कार की बारी आती है तो सभी के नाम सामने आ जाते है। ऐसे में उन अधिकारी और कर्मचारियों का मनोबल टूट जाता है जो वास्तव में पुरुस्कार के हकदार है। पुरस्कार के चयन को लेकर जिला चयन समिति सवालों के घेरे में आ गई है। आज भी 15 अगस्त में के मौके पर देखने में आया कि पुरुस्कार पाने वालों की लिस्ट बहुत लंबी थी। कुछ अधिकारी एवं कर्मचारी ऐसे भी थे जिनकी कई बार लापरवाही सामने आई है और पुरुस्कार मिल गया है। किसी अधिकारी या विभाग का नाम इसलिए नही दे रहे है क्योंकि अधिकतर विभागों में यही हाल है।