रेलवे स्टेशन बैतूल में पथराव, एक यात्री जख्मी, नदारद थे सुरक्षाकर्मी

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  • बैतूल रेलवे स्टेशन पर खुलेआम पत्थरबाजी हो रही है और सुरक्षा का जिम्मा निभाने वाले आरपीएफ और जीआरपीएफ का अमला रात में आराम फरमा रहा है।6 जून एक ऐसा ही नजारा करीब 12.45 को देखने को मिला, जब कुछ महिलाओं और युवकों में आपसी विवाद के बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस पत्थरबाजी में नागपुर-जबलपुर एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे पत्रकार रिशु नायडू के पिता रविशंकर नायडू आंख के पास पत्थर लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। कुछ और अन्य यात्रियों को पत्थरबाजी में चोट आई है। करीब पंद्रह मिनट तक चले इस घटनाक्रम के दौरान न तो आरपीएफ और न जीआपीएफ का अमला मौजूद था। इससे सुरक्षा की पूरी पोल खुल गई है।
    रेलवे स्टेशन पर बीती रात उस समय अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया जब नागपुर से जबलपुर जाने वाली ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 2 पर आने वाली थी। रात 12.45 बजे के लगभग ट्रेन क्रमांक १२१५९ के आने के पहले ही तीन युवक एवं एक महिला प्लेटफार्म नंबर 2 पर आए और इनके बीच गाली गलौज के बाद मारपीट होने लगी। इसी बीच दो युवक और आ गए इसके बाद विवाद बढऩे लगा। एक युवक और महिला प्लेटफार्म 3 से नीचे उतर गए और पत्थर उठाकर दूसरे पक्ष पर मारने लगे। इससे स्टेशन पर यात्रा करने वाले यात्रियों में अफरा तफरी मच गई। यात्री पत्थर से बचने के लिए इधर उधर भागने लगे। इसी बीच एक बड़ा पत्थर जबलपुर जाने के लिए स्टेशन आए पत्रकार रिशु नायडू के पिता रविशंकर की आंख के ऊपर लग गया। पत्थर लगते ही उनकी आंख से खून निकल आया और वे बेहोश हो गए। रिशु ने उन्हें बिना देरी किए सबसे पहले जिला अस्पताल में इलाज कराया। इसके बाद जीआरपी चौकी जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। जीआरपी ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 336 के तहत मामला दर्ज किया। कुछ अन्य यात्रियों को भी पत्थरबाजी में चोट आई है, लेकिन जीआरपी के पास शिकायत नहीं हुई। हालांकि तब तक ट्रेन आ गई थी। इसके बाद अधिकांश यात्री रवाना हो गए।

    अवैध वेंडरों को खुली छूट, बढ़ रही रेलवे स्टेशन पर अवैध गतिविधियां
    जानकार सूत्र बताते हैं कि बीती रात जिस तरह ट्रेन में पत्थरबाजी हुई है। इसके पीछे कहीं न कहीं अवैध वेंडरों से जुड़ा हुआ है। ट्रेन में आरपीएफ की मिलीभगत से खुलेआम अवैध वेंडर काम कर रहे हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं हो रही। सूत्रों ने दावा किया है कि यदि अवैध वेंडरों के वर्चस्व की लड़ाई के कारण इस तरह की घटना हुई। एक अन्य सूत्रों के अनुसार चोरी और कबाड़ी वाले भी इस तरह की घटना को अंजाम दे सकते हैं। इस संबंध में जीआरपी के चौकी प्रभारी कुलदीप लोटे को उनके मोबाइल पर काल किया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
    मचते रही हुड़दंग, सुरक्षाबल गायब
    जिला मुख्यालय के एक ग्रेड के स्टेशन पर आरपीएफ थाना होने के अलावा जीआरपी चौकी भी मौजूद है, लेकिन रात होने के बाद यहां पर सुरक्षा बल हमेशा नदारद रहता है। पहले भी इस तरह की शिकायत होने के बावजूद न तो आरपीएफ, न ही जीआरपी ने व्यवस्था में सुधार किया। नतीजा बीती रात जिस तरह यात्रियों की जान जोखिम में डालकर पत्थरबाजी होते रही पर कोई भी सुरक्षाकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। इससे जीआरपी और आरपीएफ के जिम्मेदारों की पोल खुल गई है।
    इनका कहना…
    मैं आज ही अवकाश से लौटा हूं। रात को यदि स्टाफ का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं होगा तो मैं जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।
    केबी सिंह, आरपीएफ थाना प्रभारी बैतूल।

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