फरियादी ने खुद ही अपने ऊपर चलाई थी गोली, पुलिस ने घटना का किया खुलासा

26 मई को फरियादी अरुण पिता अशोक कुरारिया ने रिपोर्ट किया कि उसके मोहल्ले में रहने वाले दिलीप गुलबाके ने उसके पास आकर तू यहां खड़ा क्यों हैं। यह कह कर पिस्टल से गोली मार दी कि रिपोर्ट पर अपराध धारा 307 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस टीम द्वारा विवेचना में यह तथ्य आये कि दिलीप गुलबाके एम्स अस्पताल भोपाल में अपने मानसिक बिमारी का इलाज करने हेतु 12 मई से भर्ती हैं। विवेचना के दौरान घटना स्थल का सूक्ष्म निरीक्षण किया गया व फरियादी अरुण कुरारिया से गहनता से पुछताछ की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि दिनांक 25-26 मई कि रात्रि अरुण कुरारिया खाना खा कर अपनी गाड़ी मालवीय लॉन के पास पहुंचा जहां उसके पास पूर्व में खरीदी हुई 22 रिवाल्वर थी। जिसको उसने चलाने का प्रयास किया परन्तु वह पिस्टल नहीं चली। तब अरुण ने उसी पिस्टल से 10-12 बार अपने शरीर पर चलाने का प्रयास किया और यह समझा कि पिस्टल खराब हैं। व सिने के पास पिस्टल लगा कर चलाई तो पिस्टल चल गई व खून निकलने लगा तो अरुण खबरा गया व सोचा कि डॉक्टर के पास इलाज करने जाउगा व मुझसे घटना के संबंध में पुछेगा इसलिये उसने आनन-फानन में उसके पूर्व के दुशमन दिलीप गुलबाके के नाम से रिपोर्ट डला दी जिससे उसका इलाज हो सके। के
घटना का पर्दापास करने में अहम भूमिका निरीक्षक रत्नाकर हिंगवे थाना प्रभारी सारनी, निरीक्षक ए.आर खान थाना प्रभारी चोपना, उनि राहुल रघुवंशी, सउनि एस एम हुसैन, सउनि रामेश्वर सिंह प्रआर 05 शैलेन्द्र सिंह प्र आर 185 अरविन्द्र सिंह, आर 273 गजानन्द की अहम भूमिका रही।