बैतूल। ओबीसी आरक्षण के बिना नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव कराए जाने की वर्तमान स्थिती के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है, कांग्रेस के याचिकाकर्ताओ के कारण ही ओबीसी आरक्षण का मामला न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझा। उक्त विचार भाजपा नेता एवं पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल ने शुक्रवार को जिला भाजपा कार्यालय विजय भवन में आयोजित पत्रकातवार्ता में व्यक्त किए। वार्ता में पार्टी जिलाध्यक्ष आदित्य बबला शुक्ला, प्रदेष कार्यसमिति सदस्य वसंत बाबा माकोडे, जिला महामंत्री सुधाकर पंवार, जिला मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र आर्य, पिछडावर्ग मोर्चा जिलाध्यक्ष संजू सोलंकी,स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ जिला संयोजक जगदीष पंवार भी उपस्थित थे। श्री खंडेलवाल ने कहा कि कांग्रेस की मंषा कभी भी स्थानीय चुनाव में पिछडा वर्ग को आरक्षण देने की रही ही नही है। उन्होने कहा कि भाजपा का स्पष्ट मत है कि प्रदेष में स्थानीय चुनाव पिछडा वर्ग के आरक्षण के साथ ही हो। इसके लिए प्रदेष सरकार सुप्रीम कोर्ट मे रिव्यु पिटिषन दायर कर रही है। श्री खंडेलवाल ने कहा कि भाजपा शीघ्र चुनाव कराने की पक्षधर है। पूर्व में प्रदेष सरकार ने चुनाव कराने के प्रयास किए गए। इसके लिए 27 प्रतिषत ओबीसी आरक्षण के तहत चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई थी। लेकिन कांग्रेस इसके विरूद्व हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गई, जिससे चुनाव प्रभावित हुए। श्री खंडेलवाल ने बताया प्रदेष सरकार ने आयोग बनाकर 600 पेज की जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की उससे ओबीसी वर्ग की आर्थिक ,सामाजिक, राजनैतिक परिस्थितीयो के साथ एरिया वाईस संख्या के आंकडे विस्तृत रूप से प्रस्तुत किए गए है। जिसमें बताया गया था कि 48 प्रतिषत से ज्यादा ओबीसी मतदाताओ की संख्या मध्यप्रदेष में है। श्री खंडेलवाल ने कहा कि कांग्रेस कभी भी पिछडा वर्ग की हितैषी नही रही जबकि केन्द्र और राज्य सरकार के कई निर्णयो से ओबीसी आरक्षण की प्रतिबद्वता का प्रमाण मिलता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ओबीसी की केन्द्रीय सूची का दर्जा बढाकर इस सूची को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। श्री खंडेलवाल ने कहा भाजपा ने 2004 से लगातार तीन मुख्यमंत्री पिछडावर्ग से दिए। मंत्रीमंडल में इस वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया गया। श्री खंडेलवाल ने कहा कि यदि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव पिछडा वर्ग को आरक्षण से वंचित करने का पाप कांग्रेस ने किया है। पिछडा वर्ग का मतदाता इसके लिए कांग्रेस