यूक्रेन में फंसे बैतूल के छात्र की होने लगी वतन वापसी

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बैतूल। यूक्रेन में फंसे बैतूल जिले के पाढर निवासी एमबीबीएस छात्र के साथ ही उनके गु्रप के सभी 15 छात्र-छात्राओं द्वारा स्वयं रोमानिया बार्डर तक बस की व्यवस्था कर भारतीय दूतावास के अधिकारियों की सहमति से रोमानिया बार्डर के लिए रवाना हो गए है। भारतीय समयानुसार पाढर निवासी दीपांशु विश्वकर्मा, उनके गु्रप के 15 छात्रों के साथ ही यूनिवर्सिटी के 15 अन्य छात्रों ने रोमानिया बार्डर के लिए 60 हजार गीवन्स (लगभग 1.50 लाख रूपए) में बस की है। बस में तिरंगा लगाकर छात्रों का गु्रप यूक्रेन के विन्नित्स्या से रोमानिया बार्डर के लिए निकल चुके है। दीपांशु विश्वकर्मा ने चर्चा में बताया कि रोमानिया बार्डर पर लगभग 30 किलोमीटर ट्राफिक है पता नहीं कितने समय में पहुंचेंगे लेकिन यदि बार्डर तक नहीं भी पहुंच पाये तो बार्डर के समीपी शहर चिरनीव तक पहुंच जाएंगे जो वर्तमान समय में सबसे सैफ है।
ज्ञातव्य हो कि जिले के पाढर निवासी शिक्षक उमेश विश्वकर्मा का पुत्र दीपांशु विश्वकर्मा यूक्रेन के विन्नित्स्या नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वर्ष 2018 में यूक्रेन गया था। 24 फरवरी को रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के दौरान वह यूक्रेन में ही फंस गया था। पाढर में उसके माता-पिता के साथ ही पूरा परिवार उसकी सही सलामत घर वापसी के लिए दुआ कर रहे है। इस बीच भारत सरकार द्वारा हंगरी, रोमानिया से यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट को एयरलिफ्ट करना शुरू कर दिया है। चर्चा में यूक्रेन में फंसे छात्र दीपांशु विश्वकर्मा ने बताया कि शुक्रवार को भारतीय दूतावास के अधिकारियों में निर्देश दिए थे कि सभी स्टूडेंट को रोमानिया, हंगरी या पोलेंड बार्डर तक सड़क मार्ग से लाकर वहाँ से एयर इंडिया की फ्लाइट से भारत लाया जाएगा। शुक्रवार को भी उन्होंने बंकर में ही रात गुजारी। शनिवार सुबह दूतावास के अधिकारियों ने बस की व्यवस्था करने में असमर्थता जताई। स्टूडेंट को कहा गया कि यदि सुरक्षित तरीके से वाहन की व्यवस्था हो जाए तो हंगरी, रोमानिया या पोलेंड बार्डर पहुंचे।

1.15 लाख में 300 किलोमीटर के लिए की बस
छात्र दीपांशु विश्वकर्मा ने बताया कि शनिवार को उक्त निर्देश मिलने के बाद वे प्रायवेट कैब की व्यवस्था में जुटे रहे लेकिन शाम को एक बस की व्यवस्था हुई। बस में उनकी यूनिवर्सिटी से 30 स्टूडेंट आ रहे है। प्रत्येक स्टूडेंट से 2 हजार ग्रीवन्स (लगभग 5 हजार रूपए) किराया लिया जा रहा है। भारतीय मुद्रा में लगभग एक लाख पचास हजार रूपए में किराए की बस हुई है। दीपांशु ने बताया कि उनके द्वारा भारतीय दूतावास के अधिकृत अधिकारियों को बस नंबर देकर रोमानिया बार्डर पहुंचने की अनुमति ले ली है। लेकिन रोमानिया बार्डर पर लगभग 30 किलोमीटर तक ट्रेफिक है। यदि बार्डर तक नहीं भी पहुंच पाये तो बार्डर के समीप के शहर चिरनीव पहुंच जाएंगे जो यूक्रेन में सबसे सुरक्षित शहर है। उसके बाद भारतीय दूतावास के सहयोग से भारत आएंगे।

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