14 वर्षीय किशोरी के साथ दुराचार कर हत्या का प्रयास करने वाले आरोपी को तिहरा आजीवन कारावास
घटना का संक्षिप्त विवरण
18.जनवरी 2021 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घोड़ाडोंगरी में सूचनाकर्ता पीड़िता की बड़ी बहन ने उपस्थित पुलिस थाना सारणी की महिला उपनिरीक्षक अल्का राय को रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी 14 वर्षीय छोटी बहन पीडिता घटना 18 जनवरी 2021 को शाम 5:30 बजे अपने खेत में सोलर पंप की मोटर का स्विच बंद करने गई थी जो वापस नहीं आयी तब वह तथा उसके पिता एवं बड़ी बहन खेत तरफ पीड़िता को देखने गये । वहां पर ढूंढने पर खेत के पास वाले नाले से कराहने की आवाज सुनाई पड़ने पर उन्होंने जाकर देखा तो पीड़िता नाले के पास गड्डे के अंदर पड़ी थी उसके सिर पर चोंट लगकर खून बह रहा था पत्थर एवं पत्ते पीड़िता के उपर रखे थे पीड़िता के शरीर पर गंभीर चोटे मौजूद थी पीड़िता के शरीर से रक्त बह रहा था पत्थरो को हटाकर उन्होंने पीड़िता को खेत पर लाया और उससे पूछा कि उसके साथ क्या हुआ तब पीड़िता ने उन लोगों को बताया कि खेत के पड़ोसी सुशील वर्मा ने उसके साथ दुराचार किया और मारपीट है। पीड़िता को उसके परिजन मोटर सायकल से अस्पताल घोड़ाडोंगरी लाये रिपोर्ट पर मौके पर देहाती नालसी शून्य पर लेखकर थाना सारणी में असल अपराध धारा 376 ( 3 ) . 323 , 324 भा.द.वि. 3/4 पॉक्सो एक्ट एवं 3 ( 1 ) ( डब्ल्यू ) ( 1 ) . 3 ( 2 ) ( व्ही ) ( ए ) एस.सी. / एस.टी . एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना लिया गया । प्रकरण की विवेचना के दौरान पीड़िता के मृत्युकालीन कथन कार्यपालिक मजिस्ट्रेट तहसीलदार घोड़ाडोंगरी के द्वारा लेखबद्ध किये गये पीड़िता को जिला चिकित्सालय बैतूल रेफर करने पर पीड़िता का मेडीकल परीक्षण किया। पीड़िता का जिला चिकित्सालय बैतूल द्वारा मेडीकल कॉलेज नागपुर दिनांक 19.01.2021 को रेफर किया गया जहां आरोपी द्वारा पीड़िता को पहुचायी गई गंभीर एवं प्राण घातक चोटो के कारण लंबी अवधि तक पीड़िता उपचाररत रही नागपुर चिकित्सालय में न्यायिक मजि द्वारा पीड़िता के धारा 164 द.प्र.सं. के अंतर्गत कथन लेखबद्ध किये गये प्रकरण की विवेचना के दौरान पीड़िता , सूचनाकर्ता एवं अन्य गवाहों से पूछताछ कर कथन लिये गये घटना स्थल की निशोदही पर बारीकी से निरीक्षण कर घटना स्थल का नजरी नक्शा तैयार किया गया । घटना स्थल से खून आलूदा पत्थर , खून आलूदा मिट्टी सादी मिट्टी एवं मौके पर लगे पौधे पर खून लगी पत्तिया एवं पीड़िता द्वारा पहना हुआ गर्म अपर , उनी वस्त्र जप्त किया गया । विवेचना के दौरान पीड़िता की चोटों की प्रकृति एवं मेडिकल रिपोर्ट व कथनानुसार प्रकरण में धारा 307 भा.द.वि. का ईजाफा किया गया । आवश्यक अनुसंधान उपरांत आरोपी के विरुद्ध घटना के मात्र 7 दिन के भीतर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया । माननीय न्यायालय ने घटना के लगभग 13 माह के भीतर विचारण पूर्ण कर अभियुक्त को दण्डित किया
प्रकरण चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज की सूची में रखा गया था :
– प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये जिला दण्डाधिकारी , बैतूल , पुलिस अधीक्षक बैतूल एवं जिला अभियोजन अधिकारी की समिति के द्वारा प्रकरण को चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण की सूची में रखा गया था । प्रकरण की मॉनिटरिंग जिला दण्डाधिकारी बैतूल श्री अमनबीर सिंह बैस , पुलिस अधीक्षक बैतूल सुश्री सिमाला प्रसाद , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज सोनी के द्वारा समय – समय पर की जाती रही प्रकरण की विवेचना एवं विचारण में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सारणी श्री ए . आर . चौधरी वर्तमान अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सारणी श्री महेन्द्र सिंह चौहान , थाना प्रभारी सारणी श्री रत्नाकर हिग्वे के द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका अदा की गयी । प्रकरण में पैरवीकार्य के दौरान जिला अभियोजन कार्यालय बैतूल में पदस्थ श्रीमती कविता हाथरसी के द्वारा प्रकरण से संबंधित फाईल संधारण तथा पत्राचार एवं लिखित अंतिम तर्क टाईपिंग कार्य किया गया साथ ही कोर्ट मोहर्रिर पंकज चटके द्वारा साक्षियों की साक्ष्य हेतु उपस्थिति में अभूतपूर्व सहयोग किया । शरीर में आयी थी कुल 21 चोटें : – आरोपी ने पीड़िता का बलात्संग करने के बाद पीड़िता की हत्या करने के आशय से पीड़िता के उपर पत्थर से प्रहार कर कुल 21 चोटें प्राण घातक चोटें पहुंचायी थी। जिसके कारण पीड़िता लम्बे समय तक नागपुर के शासकीय मेडीकल कॉलेज में जिन्दगी एवं मौत की जंग लड़ती रही थी पीड़िता का कई बार ऑपरेशन भी किया गया । जिला प्रशासन बैतूल द्वारा पीड़िता के उपचार में आवश्यक सहायता प्रदान की गयी थी जिसके कारण पीड़िता की जान बच पायी । अभियोजन ने अधिकतम दंड की मांग की : प्रकरण की गंभीरता एवं आरोपी द्वारा किये गये जघन्यतम कृत्य को दृष्टिगत रखते हुये अभियोजन ने न्यायालय से आरोपी को विधि में वर्णित अधिकतम दंड प्रदान करने की मांग की थी । अभियोजन ने न्यायालय में भारतीय संविधान एवं विधि में वर्णित विभिन्न प्रावधानों एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा विभिन्न निर्णयों में पारित विधिक सिद्धांतों के परिपेक्ष्य में न्यायालय से यह अनुरोध किया कि आरोपी ने मात्र 14 वर्ष की बालिका जो कि अनुसूचित जाति वर्ग की सदस्य है के साथ न सिर्फ बलात्संग जैसा घिनौना अपराध किया बल्कि साक्ष्य को मिटाने के उद्देश्य से पीड़िता को गंभीर चोटे पहुंचाकर पीड़िता की जान लेने की कोशिश की एवं पीड़िता को किसी भी प्रकार की सहायता न मिल पाये इसलिए पीड़िता को गड्डे में गाढ़ कर पीड़िता के उपर पत्थर व पत्तियां रख दिये । इसलिए आरोपी को अधिकतम दंड से दंडित किया जाये माननीय न्यायालय ने अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुये आरोपी को दण्डित किया । न्यायालय ने पीड़िता को प्रदान किया प्रतिकर माननीय न्यायालय ने बालक को दोषसिद्ध करने के साथ म.प्र . पीड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत पीड़िता को प्रदान किये जाने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बैतूल को लेख किया है । आरोपी के उपर अधिरोपित 15000 रू . के अर्थदण्ड में से 10000 रूपये का प्रतिकर पीडिता को दिलाया गया है । नोट : – माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित विधिक सिद्धांत एवं पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के पालन में पीड़िता की पहचान उजागर न हो सके इस तथ्य का ध्यान रखे जाने हेतु अनुरोध है ।