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यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सरकार ने सुनी: छात्र बोले- एयरलिफ्ट कराओ; सरकार ने मदद के लिए कंट्रोल रूम बनाए


नई दिल्ली – रूस-यूक्रेन के बीच गहराती युद्ध की आशंकाओं के चलते वहां पढ़ रहे करीब 20 हजार भारतीय छात्र संकट में फंस गए हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं। दैनिक भास्कर ने 5 हजार किलोमीटर दूर यूक्रेन में फंसे छात्रों से वहां के ताजा हालात जाने, तो उन्होंने किराये तीन गुना तक महंगा होने और फ्लाइट्स नहीं मिलने की बात कही। उन्होंने सरकार से एयरलिफ्ट कराने की मांग की।

छात्रों की गुहार सुनते हुए भारत सरकार ने उनकी सुरक्षित वापसी के प्रयास तेज कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने विदेश मंत्रालय के साथ ही यूक्रेन में मौजूद भारतीय दूतावास में भी स्पेशल कंट्रोल रूम बना दिए हैं, जो यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों की हर समस्या सुलझाने में मदद करेंगे। साथ ही सरकार ने दोनों देशों के बीच ज्यादा से ज्यादा फ्लाइट्स का इंतजाम करने का भी आश्वासन दिया है।

यूक्रेन के अंदर ट्रैवल की मनाही, हालात अभी ठीक
मध्य प्रदेश के रतलाम निवासी मेडिकल स्टूडेंट मिराज ने कहा, ‘मैं बीते चार साल से यूक्रेन के इस्टर्न रीजन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा हूं। आज सुबह थोड़ा स्ट्रेस था, लेकिन अब मैं ठीक हूं। 20 जनवरी के बाद से फ्लाइट का किराया दो से तीन गुना बढ़ गया है। अब 60 से 80 हजार रुपए तक लग रहे हैं। यूक्रेन के अंदर ट्रैवल की मनाही है, लेकिन पूरा विश्व बेवजह पैनिक कर रहा है। मुझे ऐसा कुछ नहीं लग रहा कि युद्ध होगा। मेरी फैमिली भी बहुत चिंता कर रही है। फैमिली ने ही मेरी टिकट कराई है। रशिया यदि युद्ध करता है, तो भारत सरकार कोरोना काल की तरह वंदे भारत मिशन चलाकर यूक्रेन से भारतीयों को लाए। हम लोग भारतीय दूतावास से आग्रह कर रहे हैं कि क्लास ऑनलाइन करवा दो, ताकि हम घर लौट जाएं।’
(
न्यूज सोर्स भास्कर)

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