किशोरी का अपराहन कर दुराचार करने वाले आरोपी को 20 वर्ष के कारावास की सजा
बैतूल- 15 वर्षीय नाबालिग बालिका को बहला फुसलाकर व्यपहरण कर कई दुराचार करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 8000 / – रूपये के जुर्माने से दंडित किया गया । अनन्य विशेष न्यायालय ( पॉक्सो एक्ट ) बैतूल , जिला बैतूल ने 15 वर्षीय नाबालिग बालिका को बहला फुसलाकर व्यपहरण कर बार – बार बलात्कार करने वाले आरोपी रामाधार पिता रामविलास विश्वकर्मा उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम खरवार जिला बैतूल को धारा 376 ( 3 ) भादवि के अपराध का दोषी पाते हुए 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000 / – रूपये का जुर्माना , धारा 376 ( 2 ) ( एन ) भादवि में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 500 / – रूपये का जुर्माना , धारा 376 ( 2 ) ( जे ) भादवि में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 500 / – रूपये का जुर्माना , धारा 366 भादवि में 7 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 / – रूपये का जुर्माना , धारा 363 भादवि में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 500 / – रूपये के जुर्माने , धारा 342 भादवि 1 वर्ष का कठोर कारावास एवं 500 / – रूपये कुल 8000 / – रूपये के जुर्माने से दण्डित किया गया प्रकरण में म.प्र . शासन की ओर से अनन्य विशेष लोक अभियोजक ओमप्रकाश सूर्यवंशी एवं वरिष्ठ ए.डी.पी.ओ. अमित कुमार राय के द्वारा पैरवी की गई एवं प्रकरण की पैरवी में ए.डी.पी.ओ. सौरभ सिंह ठाकुर एवं अजीत सिंह द्वारा सहयोग प्रदान किया गया । घटना का संक्षिप्त विवरण : -03 जून 2019 को थाना बीजादेही में पीड़िता ने इस आशय कि प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख करायी कि 02 जून 2019 को रात्रि में वह अपने घर के आंगन में उसकी मां के बाजू वाली खटिया में अलग सो रही थी तभी रात्रि लगभग 4:00 बजे आरोपी रामाधार अपने हाथ में चाकू लिया आया और उसे जगा कर बोला कि जल्दी उठकर उसके साथ चल यदि वह नहीं चलेगी तो वह उसे जान से मार देगा तो पीड़िता घबरा गई आरोपी ने उसका मुंह अपने हाथ से बंद कर दिया और उसे उठाकर कुछ दूर तक ले गया उसके बाद आरोपी उसे पैदल गांव के पास पहाड़ी पर ले गया जहां पर एक टपरी में ले जाकर पीड़िता को एक दिन और एक रात रखा और उसके साथ कई बार दुराचार किया । आरोपी ने पीड़िता से बोला कि वह उसके साथ शादी करेगा और उसे रोककर रखा और उसे कही जाने नहीं दिया दिनांक 03 जून 2019 को सुबह 9:00 बजे आरोपी नाश्ता लेने गया था तब पीड़िता अपने आपको छिपते – छिपाते , घबराते हुए अपने घर पहुंची और उसकी मां को उसकी साथ घटी घटना के बारे में बताया । पीड़िता की उक्त शिकायत के आधार पर पुलिस थाना बीजादेही में आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र माननीय अनन्य विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट बैतूल के समक्ष प्रस्तुत किया गया था । माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत कर अपने मामले को युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया गया था जिसके फलस्वरूप माननीय न्यायालय ने आरोपी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 8000 / – रूपये के जुर्माने से दंडित किया गया । प्रतिपरीक्षण में पीड़िता ने घटना से किया इंकार : प्रकरण की पीड़िता ने न्यायालय में अपने मुख्य परीक्षण में घटना का पूर्ण समर्थन किया परंतु मुख्य परीक्षण के लगभग 3-4 माह बाद हुए प्रतिपरीक्षण में घटना से पूर्णतः इंकार किया इसके बावजूद न्यायालय ने पीड़िता के मुख्य परीक्षण में दिए कथनों को सही एवं विश्वसनीय मानते हुए आरोपी को दंडित किया । अभियोजन अधिकारी द्वारा अपने अंतिम तर्क में न्यायालय को यह बताया गया कि हो सकता है पीडिता एवं आरोपी पक्ष का न्यायालय के बाहर राजीनामा हो गया हो जिसके कारण पीड़िता ने प्रतिपरीक्षण में घटना से इंकार किया है परंतु मुख्य परीक्षण में वास्तविक घटना बताया है जिससे माननीय न्यायालय ने सहमत होते हुए आरोपी को दंडित किया । डी.एन.ए. रिपोर्ट से घटना हुई प्रमाणितः प्रकरण में पीड़िता की वैजाईनल स्लाईड एवं आरोपी का रक्त नमूना डी.एन.ए. परीक्षण के लिए राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला सागर भेजा गया था जिसकी सकारात्मक रिपोर्ट प्राप्त हुई है , जिससे यह प्रमाणित हुआ कि आरोपी ने पीड़िता के साथ दुराचार किया है ।