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मम्मी मुझे नही मालूम था डॉ ऐसा करेगी मुझे बचा लो.. कहकर महिला ने तोड़ दिया दम, परिजन कलेक्टर से बोले साहब सिस्टम को सुधारो अब किसी बेटी की जान नही जाना चाहिए

ज्ञानू लोखंडे

  • बैतूल- उखड़ती सांसो के अंतिम शब्द में अगर किसी माँ को अपनी बेटी कहे कि माँ मुझे बचा लो तो उस माँ पर क्या बीतेगी अंदाजा लगाया जा सकता है। जिला अस्पताल में कुछ ऐसे ही हुआ महिला का सीजर ऑपरेशन होने के बाद तबियत बिगड़ गई। महिला अपनी माँ से बोली मम्मी मुझे नही मालूम था डॉ ऐसा करेगी मुझे बचा लो..इतनी बाते कहकर महिला ने दम तोड़ दिया। दरअसल मामला यह है कि दीपिका पति जयसिंग तोमर 26 वर्ष निवासी हिंगना ( जैत ) जिला सीहोर अपने मायके घोड़ाडोंगरी आई थी। 11 सितंबर को प्रसव पीड़ा होने पर महिला को जिला अस्पताल बैतूल भर्ती किया गया। डॉ वंदना धाकड़ ने महिला का सीजर ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। ऑपरेशन के बाद महिला की हालत बिगड़ गई और उपचार के दौरान मौत हो गई।
    पैसे नही दिए तब तक नही किया ऑपरेशन
    मृतिका महिला की माँ सिया परमार और चाची सावित्रीबाई का आरोप है कि महिला डॉ वंदना धाकड़ ने दीपिका का सीजर ऑपरेशन करने की बात कही और ऑपरेशन के लिए 5 हजार की मांग की गई। जब तक रुपए नहीं दिए ऑपरेशन नहीं हुआ और दीपिका तड़पते रही। जब रुपए दिए तो डॉक्टर ने ऑपरेशन किया लेकिन उसमें भी लापरवाही बरती गई। ऑपरेशन के बाद अत्यधिक रक्तस्राव के कारण दीपिका की मौत हो गई है। परिजनों का कहना है कि समय पर ऑपरेशन होता और सही उपचार मिलता तो उनकी बेटी की जान नहीं जाती।

    कलेक्टर कार्यालय लेकर गए शव
    महिला की मौत के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा मचाना शुरू कर दिया। हंगामे की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल चौकी प्रभारी सुरेंद्र वर्मा ,प्रधान आरक्षक उमाकांत मिश्रा मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाइश देकर मामला शांत किया। जिला अस्पताल में मृतिका का नायब तहसीलदार डाली रैकवार की मौजूदगी में डॉ रंजीत राठौर, डॉ हानि बावरिया, डॉ प्रतिभा रघुवंशी ने पोस्टमार्टम किया। इसके बाद परिजन महिला के शव को कलेक्टर कार्यालय लेकर पहुंच गए। परिजनों ने कलेक्टर से मुलाकात के दौरान पूरी घटना की जानकारी दी और कहा कि सीजर ऑपरेशन के लिए 5 हजार रुपये मांगे। पैसे देने के बावजूद उपचार में लापरवाही बरती गई जिससे महिला की जान चली गई। मृतिका की माँ ने कलेक्टर से कहा साहब हमारी बेटी की जान तो चली गई लेकिन अस्पताल के सिस्टम को सुधारों ताकि अन्य किसी बेटी की जान इस तरह से लापरवाही के कारण न जाए। कलेक्टर ने परिजनों को पूरे मामले की जांच कर कार्यवाही का भरोसा दिया है।
    इनका कहना है….
    मैं भोपाल मीटिंग में आया हूं मुझे भी घटना के संबंध में जानकारी लगी है। इस संबंध में प्रभारी सिविल सर्जन हूं कुछ बता पाएंगे।
    डॉ अशोक बारंगा सिविल सर्जन बैतूल

    उपचार में कोई लापरवाही नहीं बरती गई महिला की जान बचाने के लिए पूरी कोशिश की लेकिन जान नहीं बचा पाए। ऑपरेशन के लिए 5 हजार देने का आरोप निराधार है।
    डॉ वंदना धाकड़ जिला अस्पताल बैतूल

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