कियोस्क सेंटर का कम्प्यूटर आपरेटर निकला जालसाज,खाताधारकों के खाते से निकाले ढाई लाख रूपये, आरोपी गिरफ्तार, संचालक से होगी पूछताछ
बैतूल। सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए गांव-गांव कियोस्क सेंटर खोले है, ताकि ऑनलाईन लेनदेन सहित कई काम कियोस्क सेंटर के माध्यम से आसानी से किए जा सके, लेकिन अब कियोस्क सेंटर पर लोगों के साथ धोखाधड़ी होने लगी है। एक ऐसा ही मामला भैंसदेही क्षेत्र में सामने आया है। कियोस्क सेंटर के कम्प्यूटर ऑपरेटर ने फिंगर प्रिंट के दौरान गड़बड़ी की और खाताधारकों से धोखाधड़ी करते हुए उनके खाते से राशि निकाल ली है। पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिमाला प्रसाद ने इस धोखाधड़ी के मामले का खुलासा करते हुए बताया कि भैसदेही थाना क्षेत्र के अंतर्गत लगभग एक दर्जन ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि उनके खाते से ऑटोमेटिक पैसे निकल गए है। जब पुलिस ने इसकी जांच की तो पता चला कि यह धोखाधड़ी कियोस्क सेंटर के माध्यम से हुई है। धोखाधड़ी करने वाले आरोपी बैतूल निवासी रविन्द्र मसराम को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की। उपभोक्ताओं के खाते से राशि निकालने की बात की है। 8 उपभोक्ताओं के खाते से 2 लाख 50 हजार रूपये गबन कर लिए। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसे न्यायालय पेश किया।
इस तरह से की खाते धारकों से धोखाधड़ी
एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि कियोस्क सेंटर के ऑपरेटर रविन्द्र मसराम कई लोगों के बैंक खाता खोलने का काम करता है। कियोस्क सेंटर से 521 लोगों के खाते खोले गए। कियोस्क सेंटर के ऑपरेटर रविन्द्र द्वारा खाता खोलने के लिए उपभोक्ता के फिंगर प्रिंट लेता था। 6 बार फिंगर प्रिंट लेना होता है जिसमें से तीन बार खाता धारक और तीन बार आपरेटर अपने खुद के फिंगर प्रिंट लगाता था। ऑपरेटर ने अपने फिंगर प्रिंट लगाने के बाद कई खाता धारकों के खाते से राशि निकाल ली और लोगों से धोखाधड़ी की है।
असिस्टेंट चलाते कियोस्क सेंटर
जिले में जगह-जगह कियोस्क सेंटर संचालित है, लेकिन देखने में यह आ रहा है कि जिसके नाम से कियोस्क सेंटर संचालित है केन्द्र पर संचालक न बैठकर असिस्टेंट को बैठाकर सेंटर चला रहे है। ऐसे एक नहीं कई सेंटरों पर यही हाल है। एसपी ने बताया कि जिले के अन्य सेंटर की भी जांच की जाएगी और पता किया जाएगा कि कहीं और भी लोगों के साथ धोखाधड़ी तो नहीं हो रही है।
धोखाधड़ी से सावधान रहने की जरूरत
जिले में कई धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद पुलिस ने लोगों को धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूक करना भी शुरू कर दिया है। एसपी ने बताया कि किसी व्यक्ति को कोई कॉल आती है और वह बैंक की जानकारी और ओटीपी मांगते पर जानकारी न दे। बैंक द्वारा इस तरह से कोई जानकारी नहीं मांगी जाती। लोगों ने धोखाधड़ी करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते है। जिनसे सजग रहने की जरूरत है।