नगरपरिषद की लापरवाही से गई किशोरी की जान, शिकायत के बावजूद सप्लाई होते रहा ई कोलाई बैक्टीरिया युक्त पानी
बैतूल- बैतूल बाजार नगर परिषद के 2 वार्डों में दूषित पानी पीने से कई लोग उल्टी-दस्त के शिकार हो गए। एक किशोरी की जान चली गई है। इसमें नगर परिषद की गंभीर लापरवाही सामने आई है। दूषित पानी आने की शिकायत के बावजूद भी पानी की सप्लाई होती रही। नगर परिषद के जवाबदार अधिकारी चद्दर तान कर सोते रहे। जानकारी के अनुसार नगर परिषद बेतूल बाजार के भवानी और मालवीय वार्ड में दूषित पानी पीने से कई लोग उल्टी-दस्त का शिकार हो गए है। उल्टी दस्त की शिकार हुई कक्षा ग्यारहवीं में अध्ययनरत छात्रा की मौत हो गई। 2 दर्जन से अधिक लोग उल्टी दस्त का शिकार हो गए हैं जिसमें से 7 लोगों को उपचार के लिए जिला अस्पताल भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर जाकर सर्वे का काम शुरू कर दिया है।
सैंपल रिपोर्ट में दूषित निकला पानी
जानकारी के मुताबिक वार्ड वासियों ने 10 अगस्त को खराब पानी आने की शिकायत नगर परिषद के अधिकारियों को की थी। अधिकारियों ने पानी के सैंपल लेकर पीएचई विभाग भेज कर शिकायत को अनसुना कर दिया। दूषित पानी की सप्लाई होते रही जब लोग उल्टी-दस्त का शिकार हुए और एक बच्ची की मौत हो गई तब जाकर नगर परिषद के अधिकारी हरकत में आए। शिकायत के बाद ही तत्काल पानी की सप्लाई रोक दी जाती तो शायद किशोरी की जान बच जाती और कई लोग उल्टी-दस्त का शिकार नहीं होते। बताया जाता है कि नगर परिषद कुछ वार्डों में ट्यूबेल के पानी को कुएं में डाल कर फिर घरों में पानी की सप्लाई करती है। पीएचई विभाग द्वारा आई पानी के सैंपल की रिपोर्ट में ई कोलाई बैक्टीरिया युक्त पानी होना पाया गया है। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो।
सोते रहे अधिकारी और नेता
दूषित पानी पीने के बाद लोग उल्टी-दस्त का शिकार हुए तब जाकर अधिकारी और नेताओं की नींद खुली। जब वार्ड वासी दूषित पानी आने की शिकायत कर रहे थे तो अधिकारियों और नेताओ ने वार्ड वासियों की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया। अधिकारी और नेता चादर तान कर सो रहे थे। जब वार्ड वासी बीमारी का शिकार हुए तो अधिकारी और नेता हमदर्दी जताने के लिए सामने आए है। जिस वार्ड में लोग उल्टी-दस्त का शिकार हुए हैं वहां भाजप के कई नेता भी निवास करते हैं।
डॉक्टर बनना चाहती थी किशोरी
दूषित पानी पीने और उल्टी दस्त के कारण रीना पवार की मौत हो चुकी है। परिजनों ने बताया कि रीना कक्षा ग्यारहवीं में बायो विषय से पढ़ रही थी। किशोरी आगे की पढ़ाई कर डॉक्टर बनना चाहती थी। डॉक्टर बनने की ख्वाहिश के लिए किशोरी इस दुनिया से चली गई। गरीब माता-पिता भी इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
नेता प्रतिपक्ष नीतू वर्मा का आराेप है कि जब सात दिन पहले बीमारी फैलने की जानकारी नगर परिषद और स्वास्थ्य विभाग को मिल चुकी थी तो कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया। नगर की जनता की जान जोखिम में क्यों डाली गई। सात दिन बाद पानी के सैंपल की जांच रिपोर्ट आई है जिसमें बैक्टीरिया पाया गया है। सात दिन तक नगर परिषद के द्वारा लोगों को दूषित पानी पिलाया गया। नगर परिषद के जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाना चाहिए और बीमारी के कारण जिन्होंने अपनों को खो दिया है उन्हें शासन की ओर से राहत राशि मुहैया कराना चाहिए।