अब भैंसदेही ग्राम में जन्म लेने वाली सभी बेटियों के नाम होगी धनराशि जमा

  • बैतूल। जिला मुख्यालय के अंतर्गत आने ग्राम पंचायत भैंसदेही में जन्म लेने वाली बेटियां अब जन्म से ही समृद्ध होंगी। जहां एक ओर सरकार द्वारा बेटियों के लिए लाड़ली लक्ष्मी, सुकन्या योजना सहित अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन कर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया जा रहा है, वहीं ग्राम पंचायत भैंसदेही के नवनिर्वाचित सरपंच हरीश निर्मले द्वारा भी गांव की बेटियों के भविष्य के लिए उन्हें जन्म से ही आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की योजना बनाई है।
    दरअसल, सरपंच हरीश निर्मले ने अपने चुनावी घोषणा में गांव वालों से वादा किया था कि वे सरपंच पद के लिए निर्वाचित होते हैं तो जब तक वह सरपंच रहेंगे तब तक गांव में जन्म लेने वाली प्रत्येक बेटियों के नाम से 2501 की राशि भेंट करेंगे। इसी घोषणा को उन्होंने अमल में लाकर गांव में जन्म लेने वाली दो बेटियों के परिवार को 2501-2501 रुपए की राशि भेंट की। इसके साथ ही बेटियों के परिवार वालों ने भी इस राशि में 2500 रु मिलाकर बेटी के नाम पर फिक्स डिपॉजिट करने का निर्णय लिया है ताकि बेटी जन्म से ही समृद्ध रहे और उसका आगामी भविष्य उज्जवल हो सके।
    –ढोल धमाकों के साथ किया बेटियों का स्वागत–
    सरपंच हरीश निर्मले ने बताया कि ग्राम की महिला श्रीमती रानी पति झनक पुण्डे और श्रीमती रानी पति लतेश मालवी के घर कन्या का जन्म हुआ। अस्पताल से घर पहुंचने पर समस्त पंचों एवं ग्रामीणों द्वारा ढोल धमाकों से कन्या का घर में प्रवेश करने पर स्वागत किया गया। गांव में मिठाई वितरण कर खुशियां मनाई गई 2501 की राशि चेक के माध्यम से परिवार को दी एवं कन्या के परिवार को 11 पौधे भेंट कर इनकी देखभाल करने का जिम्मा भी सौंपा। परिवार के लोगों ने भी अपनी तरफ से कन्या के नाम से 2500 जमा कर कुल राशि 5001 की एफडी कन्या के नाम से 11 वर्ष के लिए करने का वचन दिया। परिवार ने वचन दिया कि जिस तरह कन्या की देखभाल करते हैं, वैसे ही इन पौधों की देखभाल भी करेंगे। इस अवसर पर ग्रामीण श्याम निर्मले, मुरारी नारे, सालिकराम, नंदकिशोर, गोकुल, राजेश, नकुल निर्मले, अनिल, दीपक, रोहित रघुवंशी, संतोष, रोहित मालवी, दीपक, छोटू गोचरे उपस्थित थे।
    –सही फाइनेंसियल प्लानिंग से बोझ नहीं बनेगी बेटियां–
    इस संबंध में नवनिर्वाचित सरपंच हरीश निर्मले ने कहा कि आज के आधुनिक जमाने में भी बहुत से परिवारों में बेटियों को बोझ समझा जाता है। लोगों को बेटी के जन्म से ही उनकी शिक्षा, शादी और सुरक्षा की चिंता होने लगती है और कई बार इसी चिंता में लोग बेटियों के जन्म को ही बोझ समझने लगते हैं। लेकिन अगर बेटी के जन्म से ही सही फाइनेंसियल प्लानिंग की जाए तो बेटियां किसी पर भी बोझ नहीं होंगी। बल्कि आप अपनी बेटी को पढ़ा-लिखाकर उसे अपने पैरों पर खड़ा कर सकेंगे ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके। सबसे अच्छी बात ये है कि बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार ने भी कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं। जिसका फायदा भी बेटियों को मिल रहा है।

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