फ़ाइल फ़ोटोबैतूल- रेलवे स्टेशन हो या ट्रेन यहां पर खान-पान की सामग्री बेचने वाले अवैध वेंडरों की धमाचौकड़ी से यात्री खासे परेशान हैं।लेकिन ज्यादातर वेंडर वर्दी में नहीं रहते हैं और न ही नेम प्लेट लगी रहती है। जिससे यात्री असली व नकली वेंडर की पहचान नहीं कर पाते हैं। अक्सर यात्री नकली वेंडरों के चक्कर में पड़ जाते हैं। इससे जहां यात्रियों की जेब खाली हो रही है वहीं सही खाने पीने का सामान भी नहीं मिल रहा है। यात्रियों का कहना है कुछ कहने पर वेंडरों द्वारा यात्रियों के साथ अभद्रता की जाती है। आरोप है कि अवैध वेंडरों को जीआरपी पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। जिस कारण कभी भी अवैध वेंडरों के विरुद्ध कोई अभियान नहीं चलाया जाता है। कुछ वेंडरों का यह भी कहना है कि उनके खासम खास पत्रकारिता से जुड़े हैं कोई उनका क्या बिगाड़ लेगा। अवैध वेंडर दूषित सामग्री परोस कर यात्रियों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।