डीलिस्टिंग-जनजाति समाज के हक की मांग
आठनेर-ईसाई एवं मुस्लिम धर्म में कन्वर्टेड आदिवासी आरक्षण एवं राजनीतिक पदों पर चुनाव लड़कर वास्तविक आदिवासियों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं। रोजगार, शिक्षा, स्वस्थ्य आदि सभी स्थानों पर कन्वर्टेड आदिवासियों का कब्जा लगातार बढ़ रहा है ।इसे नहीं रोका गया तो आने वाले समय में मूल आदिवासी पिछड़ कर रह जाएंगे। सारे प्रशासनिक एवं राजनीतिक पदों पर कन्वर्टेड एवं नकली आदिवासियों का कब्जा रहेगा । यह उद्गार सरस्वती शिशु मंदिर में आठनेर में जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा डीलिस्टिंग की महारैली की व्यवस्था के संबंध में आयोजित बैठक में जनजाति समाज के प्रतिनिधि के रुप में उमेश बारस्कर ने कही। आदिवासी समाज से उपस्थित हेमराज बारस्कर ने कहा कि जिन लोगों ने अपनी पूजा पद्धति मत विश्वास को त्याग दिया है,आदिवासी परंपराओं को त्याग दिया है, उन्हे अब आदिवासी आरक्षण के बाहर किया जाए।आठनेर में जनजाति सुरक्षा मंच की बैठक में रैली के लिए रूपरेखा तय की गई ।
“”28 मई 2022 निश्चित है रैली की तारीख””
जनजाति समाज के राजू सलामे ने कहा कि जनजाति समुदाय से धर्मान्तरित होने वाले परिवारों को आदिवासी की सूची से बाहर करने की मांग को लेकर एक व्यापक रैली की रूपरेखा निश्चित की गई है । मिशनरियो एवं जिहादी संगठनो द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर आदिवासी परिवारों का धर्मांतरण जोरों किया जा रहा है ।ऐसे मतान्तरित परिवार अल्पसंख्यक एवं जनजाति समुदाय को मिलने वाली दोहरे लाभ ले रहे हैं जो कि अनुचित है ।इसके कारण वास्तविक जनजातीय परिवारों को संवैधानिक संरक्षण ,आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रकृति पूजक जनजातीय समाज की प्राचीन संस्कृति को बचाने के लिए मतान्तरित आदिवासियों की डीलिस्टिंग अत्यंत आवश्यक है। इस हेतु सभी आदिवासी भाई बहनों से निवेदन है कि अपनी संस्कृति एवं अधिकारों की रक्षा के लिए सभी 28 मई दिन शनिवार को अधिक से अधिक संख्या में न्यू बैतूल ग्राउंड में पहुंचने का कष्ट करें। बैठक में बड़ी संख्या में आठनेर विकासखंड के विभिन्न ग्रामों से ग्रामीण उपस्थित रहे।