किसानों के लिए खुशखबरी: समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए 10 मार्च तक करा पाएंगे पंजीयन

बैतूल।रबी विणपन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना, सरसों एवं मसूर उपार्जन हेतु किसान पंजीयन की कार्यवाही प्रचलित है। किसान पंजीयन सहकारी समिति, किसान एप, लोकसेवा केन्द्र, एमपी ऑनलाइन, सीएससी केन्द्र एवं सायबर कैफे के माध्यम से किये जाने की सुविधा उपलब्ध है। उपार्जन की कार्रवाई हेतु सरकार ने पहले किसान पंजीयन की अंतिम तिथि पांच मार्च तय की थी।

अब इसे बढ़ाकर 10 मार्च किया गया है।  नियत तिथि तक ई-उपार्जन का पोर्टल दिन-रात 24 घंटे सातों दिवस किसान पंजीयन हेतु खुला रहेगा। किसानों से अपील की गई है कि अपनी उपज का विक्रय करने हेतु नियत तिथि तक अपनी सुविधा अनुसार किसान पंजीयन करना सुनिश्चित करें।

 

सिकमी बटाईदार एवं वन पट्टाधारी किसानों को पंजीयन की सुविधा केवल सहकारी समिति के पंजीयन केन्द्रों पर उपलब्ध है।
नवीन व्यवस्था पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड प्रविष्ट कराने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब किसान को उपार्जित फसल का भुगतान उनके आधार नंबर से लिंक बैंक खाते में सीधे प्राप्त होगा। इससे बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड की प्रविष्ट में त्रुटि से भुगतान में होने वाली असुविधा समाप्त हो जाएगी। नवीन पंजीयन व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिए यह जरूरी होगा कि किसान अपने आधार नंबर से बैंक खाता एवं मोबाइल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखना अनिवार्य है। पंजीयन के समय किसान को भू-अधिकारी ऋण पुस्तिका/खसरा की प्रति पहचान पत्रऋ स्वरूप आधार कार्ड एवं बैंक खाते से लिंक मोबाइल नंबर एवं समग्र आईडी लाना अनिवार्य होगा।
किसान पंजीयन भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। उसी व्यक्ति का पंजीयन मान्य होगा, जिसका दोनों दस्तावेजों में नाम समान हो। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही उक्त पंजीयन मान्य होगा। किसान उपार्जन केन्द्र पर जाकर पुसल बेचने के लिए अपने परिवार के किसी सदस्य (पिता, भाई, पति, पुत्र आदि) को नामित कर सकेंगे। नामित व्यक्ति फसल का विक्रय कर सकेंगे। यदि किसान की भूमि अन्य जिले में है तो किसान को अन्य जिले में पृथक से दूसरा पंजीयन कराना होगा।
मृत किसान जिनकी भूमि का नामांतरण नहीं हुआ है अथवा शारीरिक रूप से अक्षम/वृद्ध कृषक है, उनके पंजीयन की सुविधा जिला आपूर्ति अधिकारी के कार्यालय में प्रदान की गई है। पंजीयन हेतु मृत कृषक के समस्त उत्तराधिकारी सदस्यों की सहमति से एक सदस्य को पंजीयन हेतु नामिनी बनाना होगा, जिसके लिए उत्तराधिकारी सदस्यों की सहमति हेतु 10 रूपये के स्टॉप पर नोटराइड कराकर प्रस्तुत करना होगा। इस अभिलेख पर सहमति स्वरूप सभी सदस्यों के हस्ताक्षर तथा पहचान के दस्तावेज संलग्न करना होंगे। शारीरिक रूप से अक्षम/वृद्ध कृषक जिनके फिंगर प्रिंट स्पष्ट न होने के कारण आधार डाटाबेस में अपडेशन/बायोमैट्रिक सत्यापन संभव नहीं है, उनके द्वारा धारित भूमि के पंजीयन हेतु परिवार के अन्य सदस्यों को नामिनी बनाया जा सकता है। एक किसान को स्वयं के पंजीयन के अलावा अधिकतम दो किसानों के पंजीयन में नामिनी बनाने की पात्रता रहेगी। इसमें भी मूल भू-स्वामी द्वारा नामिनी के पंजीयन के लिए 10 रूपये के स्टाम्प पर नोटराइड करवाकर आवेदन प्रस्तुत करना है। जिसमें मूल भू-स्वामी का एवं नामिनी का पूर्ण विवरण सहित हस्ताक्षर अंकित करना होगा। पंजीयन कराई जाने वाली भूमि का पूर्ण विवरण, दस्तावेज की प्रति तथा मूल भू-स्वामी एवं नामिनी के पहचान के दस्तावेज भी पंजीयन हेतु प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
शासन द्वारा इस खरीदी वर्ष में कृषि भूमि सीमा अधिनियम के तहत निर्धारित भूमि सीमा (सिंचित रकबा 11 हेक्टेयर एवं असिंचित रकबा 22 हेक्टेयर) तक भूमि के पंजीयन की सुविधा ई-उपार्जन पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है। संयुक्त खातेदार कृषक (जिनकी कृषि भूमि का बंटवारा नहीं हुआ है) के द्वारा 11 हेक्टेयर से अधिक पंजीकृत रकबे का राजस्व विभाग के अमले द्वारा कृषि भूमि सीमा अधिनियम के तहत सत्यापन किया जाएगा एवं पात्र पाए जाने पर ही समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन किया जा सकेगा।
आगामी रबी उपार्जन वर्ष 2022-23 में केन्द्रीयकृत एसएमएस व्यवस्था के माध्यम से किसान को अपनी उपज बिक्री हेतु नहीं बुलाया जाएगा। परिवर्तित व्यवस्था में फसल बेचने के लिए किसान, निर्धारित पोर्टल से नजदीक के उपार्जन केन्द्र, तिथि और टाइम स्लॉट का स्वयं चयन कर सकेंगे। उपार्जन केन्द्र, तिथि और टाइम स्लॉट का चयन नियत तिथि के पूर्व करना अनिवार्य होगा। सामान्य तौर पर उपार्जन प्रारंभ होने की तिथि से एक सप्ताह पूर्व तक उपार्जन केन्द्र, तिथि और टाइम स्लॉट का चयन किया जा सकेगा।

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