Betul News : डॉक्टर की लापरवाही की भेंट चढ़ी महिला, दूधमुंही बच्ची के सिर से उठा मां का साया, जयस कार्यकर्ताओं ने किया चक्का जाम

Betul News: A woman died due to the doctor's negligence, the infant girl lost her mother, and Jayas workers blocked the road.

Betul News : जिला अस्पताल बैतूल में चिकित्सा व्यवस्था की ढीली रस्सियों ने एक और मासूम जिंदगी छीन ली। ऐसा आरोप परिजनों और जयस संगठन ने लगाया है। इलाज में कथित लापरवाही के बाद एक नवप्रसूता महिला की मौत हो गई, जिसके विरोध में आक्रोशित जयस कार्यकर्ता शुक्रवार शाम सड़क पर उतर आए और अस्पताल गेट के ठीक सामने चक्काजाम कर दिया। देखते ही देखते सड़क मानवश्रृंखला में बदल गई और हालात तनावपूर्ण हो गए।

डिलेवरी के बाद स्वस्थ, छुट्टी के दो दिन बाद मौत—लापरवाही का आरोप और गहराया

चोपना क्षेत्र के इमलीखेड़ा गांव की 25 वर्षीय समोती बाई ने 7 नवंबर को जिला अस्पताल में नॉर्मल डिलेवरी की थी। जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ बताए गए और 12 नवंबर को छुट्टी दे दी गई। परिजनों के मुताबिक 14 नवंबर की शाम अचानक तबीयत बिगड़ने पर महिला को फिर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि समोती को दमा की शिकायत होने के बावजूद डॉ. वंदना धाकड़ ने लापरवाही से बॉटल चढ़ा दी, जिसके बाद महिला की हालत तेजी से बिगड़ गई। ICU ले जाते समय ही उसकी सांसें थम गईं।

एक सप्ताह की मासूम पर टूटा पहाड़

मां की छाया के बिना एक सप्ताह की दुधमुंही बच्ची बेसहारा हो गई है। मासूम की रुलाई देख हर आंख नम हो गई। दादी उसे गोद में लेकर बार-बार शांत कराने की कोशिश करती रहीं, लेकिन रोते हुए बच्ची मानो अपनी पीड़ा दुनिया को सुना रही हो। माँ के लिए बिलखती बच्ची को दादी आपने आँचल में लेकर चुप करारते रही। जिस किसी ने बच्ची को रोते देखा आँखे भर आईं। 

तीन डॉक्टरों की टीम ने किया पोस्टमार्टम, रिपोर्ट पर टिकी सच्चाई

महिला का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों की टीम ने किया—डॉ. रंजीत राठौर, डॉ. ऋषि महोरे और डॉ. सिद्धि अग्रवाल। अब मौत का असली कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही बताएगी।

जयस का उग्र प्रदर्शन—सड़क पर लेटकर जताया विरोध, पुलिस को यातायात डायवर्ट करना पड़ा
महिला की मौत के बाद जयस कार्यकर्ता भड़क उठे। कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए, कई सड़क पर लेट गए। प्रभारी मंत्री को मौके पर बुलाने की जिद पर अड़े रहे। पुलिस को भारी बल तैनात करना पड़ा और यातायात डायवर्ट करना पड़ा। उनकी मांग साफ थी “डॉ. धाकड़ के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए।”

शिकायतों का लंबा इतिहास, कार्रवाई हमेशा फाइलों में दबी
डॉ. धाकड़ के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें दर्ज हुई थीं, लेकिन हर बार जांच की फाइलें अधिकारियों की टेबल पर जाकर ठंडी पड़ गईं। अस्पताल प्रशासन भी खुलकर कबूलता है कि उसके पास कार्रवाई की ताकत नहीं, केवल रिपोर्ट भेजने का अधिकार है।

पुराने विवाद के बाद पहली ड्यूटी—और उसी दिन मौत
सिविल सर्जन डॉ. जगदीश घोरे ने बताया कि पूर्व शिकायतों की जांच के बाद पहली बार डॉ. धाकड़ की ड्यूटी लगाई गई, और उसी दिन महिला की मौत का मामला सामने आ गया।

जांच समिति गठित—तेजी से जांच का दावा
अस्पताल प्रशासन ने चार सदस्यीय जांच समिति गठित की है—डॉ. राजेश परिहार, डॉ. प्रमोद मालवी, डॉ. सिद्धि अग्रवाल सहित अन्य डॉक्टर शामिल हैं।

प्रभारी मंत्री ने दिया कार्रवाई का भरोसा

महिला की मौत मामले में प्रभारी मंत्री शिवाजी पटेल ने मृत महिला के परिजनों से मुलाकात की है। प्रभारी मंत्री ने इस मामले में परिजनों को जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि डॉक्टर दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।

इनका कहना है….
“महिला की मौत के मामले में 4 सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी गई है। जांच पूरी कर रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी जाएगी।”
— डॉ. जगदीश घोरे, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल बैतूल

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