MP Crop Insurance : फसल बीमा में किसानों से मज़ाक, 1 से 2 रुपये मिली राशि, भड़के कृषि मंत्री शिवराज, जांच के आदेश
MP Crop Insurance: Farmers mocked in crop insurance, receiving only Rs 1-2, enraged Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan, orders investigation
MP Crop Insurance : मध्यप्रदेश में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवज़े के नाम पर मात्र 1-2 रुपए मिलने के मामले पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ी नाराज़गी जताई है। उन्होंने इसे किसानों के साथ “धोखा और मज़ाक” बताया है।
सोमवार को कृषि मंत्री चौहान ने दिल्ली में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े अधिकारियों और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों की आपात बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा कि “दो-पांच रुपए का क्लेम देना किसानों के साथ मज़ाक है, इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
सीहोर दौरे में किसानों ने सुनाई पीड़ा
सीहोर प्रवास के दौरान किसानों ने कृषि मंत्री को अपनी समस्याएं बताईं। प्रदेशभर से शिकायतें आईं कि अति वर्षा, कीट और रोगों के कारण फसलें बर्बाद हुईं, लेकिन बीमा क्लेम के रूप में किसानों को नाममात्र की राशि — कई मामलों में मात्र ₹1 या ₹2 — ही मिली।
इन शिकायतों के बाद शिवराज सिंह चौहान ने तुरंत संज्ञान लेते हुए मामले की गहराई से जांच कराने के निर्देश दिए।
दिल्ली में बुलाई आपात बैठक
दिल्ली पहुंचने पर कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के शीर्ष अधिकारियों और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को तलब किया। बैठक में महाराष्ट्र के कुछ किसानों को भी वर्चुअल माध्यम से जोड़ा गया, ताकि वे सीधे अपनी समस्याएं बता सकें।
चौहान ने सीहोर कलेक्टर को भी वर्चुअली बैठक में शामिल कर किसानों की शिकायतों पर जवाब मांगा। उन्होंने साफ कहा —
“फसल बीमा योजना में एक-दो रुपए का क्लेम देना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। इस तरह का मज़ाक अब नहीं चलेगा।”
फसल क्षति आकलन में सुधार के निर्देश
शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फसल क्षति का आकलन अधिक सटीक और पारदर्शी तरीके से किया जाए। उन्होंने बीमा कंपनियों से कहा कि योजना के नियम और प्रावधानों में आवश्यक संशोधन किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने।
सीईओ को सौंपी जांच
कृषि मंत्री ने मामले की जांच प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सीईओ को सौंपी है। उन्होंने कहा कि किसानों को न्याय दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और दोषियों पर कार्रवाई तय है।



