MP में 93 फर्जी नर्सिंग कॉलेज दो बैतूल के भी शामिल, टीचर भी फर्जी:मान्यता रद्द, 11 हजार छात्रों का भविष्य दांव पर; जानिए कैसे बैनर और कागजों में चल रहे थे कॉलेज

इसमें हमने कोर्ट में हमारी एसोसिएशन के सदस्य लॉ छात्रों द्वारा खींचे गए नर्सिंग कॉलेजों के फोटो और तमाम सबूत भी पेश किए, साथ ही आरटीआई से मिले हुए दस्तावेज भी कोर्ट के सामने पेश किए। इसके बाद कॉलेजों की जांच कराई गई। नियमों को ताक पर रखकर मान्यता देने वाली मप्र नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों ने उसमें भी गड़बड़ी करने की कोशिश की और कोर्ट को इस वर्ष 2022 में नए खुले हुए सभी 49 कॉलेज नियमानुसार निरीक्षण कर जांच पड़ताल कर अनुमति देने का शपथ पत्र दिया। कोर्ट ने जब पूरे मामले के हमारे द्वारा एकत्रित किए गए सबूत देखे तो नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार के शपथ पत्र के कथनों को संदिग्ध पाया। कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार को सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं, जो कॉलेज इस जांच के कारण बंद होंगे, उसमें अध्ययनरत छात्रों के भविष्य को भी दांव पर नहीं लगने दिया जाएगा। काउंसिल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ऐसे समस्त छात्रों को अन्य कॉलेजों में स्थानांतरित किया जाएगा।
दो प्वाइंट्स पर हुई जांच में खुल गई पोल
मामला मप्र हाईकोर्ट तक पहुंचने के बाद अभी मुख्य तौर पर सिर्फ दो प्वाइंट्स पर ही जांच कराई गई है। नर्सिंग कॉलेजों में बिल्डिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी की जांच में ही भारी गड़बड़ियां मिल चुकी हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि यदि इन नर्सिंग कॉलेजों की बारीकी से जांच कराई गई तो अस्पतालों का फर्जीवाड़ा भी सामने आ जाएगा।
भोपाल में अस्पताल के नाम पर सिर्फ बेड
भोपाल के इनायतपुर में संचालित कुशाभाऊ ठाकरे नर्सिंग कॉलेज की मान्यता भी रद्द की गई है। इस कॉलेज में अस्पताल भी संचालित बताया गया है। जब यहां जाकर देखा तो हॉस्पिटल के नाम सिर्फ बेड डले हैं। एक भी मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं मिला। कोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक भोपाल के अपेक्स नर्सिंग कॉलेज के पते पर सिर्फ एक बैनर लगा हुआ है। भोपाल के ही आरकेएस नर्सिंग कॉलेज को एक मकान में संचालित किया जा रहा है।
कालेजो की लिस्ट
न्यूज़ सोर्स दैनिक भास्कर